Tuesday, March 26, 2019

बौनेपन के कारण - Dwarfism Causes

बौनेपन के कारण - Dwarfism Causes

बौनेपन के अधिकतर केस आनुवंशिक विकार के कारण होते हैं, लेकिन इससे जुड़े कुछ विकारों के कारण अज्ञात हैं। बौनेपन की अधिकांश घटनाएं जीन में हुई समस्या से होती हैं जैसे जीन की संरचनाओं में कमी आ जाना।

1. एकोंड्रॉप्लासिया

एकोंड्रॉप्लासिया वाले लगभग 80 प्रतिशत लोग औसत लम्बाई के माता-पिता के जन्मे हुए होते हैं। एन्डोंड्रोप्लासिया वाले व्यक्ति के बच्चों के सामान्य या इसी समस्या से ग्रसित होने की बराबर सम्भावना रहती है।

2. टर्नर सिंड्रोम

टर्नर सिंड्रोम, एक ऐसी स्थिति जो केवल लड़कियों और महिलाओं को प्रभावित करती है, जिसके परिणामस्वरूप लड़कियों में होने वाला एक्स क्रोमोजोम आंशिक रूप से या पूरी तरह से गायब होता है। एक सामान्य लड़की अपने माँ-बाप दोनों से एक्स क्रोमोजोम लेती है। टर्नर सिंड्रोम वाली लड़की में एक ही फीमेल सेक्स क्रोमोजोम पूरी तरह काम करता है।

3. ग्रोथ हार्मोन की कमी

ग्रोथ हार्मोन की कमी का कारण कभी-कभी जीन की संरचनाओं की कमी या चोट लगना पाया गया है लेकिन इस विकार वाले अधिकांश लोगों में कारण की पहचान नहीं की जा सकी है। (और पढ़ें - हार्मोन असंतुलन के नुकसान)

4. अन्य कारण

बौनेपन के अन्य कारणों में अन्य अनुवांशिक विकार, अन्य हार्मोन में कमी या पोषण की कमी शामिल हैं। कभी-कभी कारण अज्ञात भी होते हैं।


बौनेपन का परीक्षण - Diagnosis of Dwarfism 

बाल रोग विशेषज्ञ आपके बच्चे के विकास की जांच करने के लिए कई वजहों की जांच करेंगे और यह निर्धारित करेंगे कि उनहें बौनापन संबंधी विकार है या नहीं। इन ​​परीक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

1. लम्बाई नापना

समय-समय पर बच्चे की लम्बाई, वजन और सिर की चौड़ाई को नापा जाता है जिससे किसी भी प्रकार की असामान्य वृद्धि की पहचान की जा सके जैसे कि देरी से बढ़ना या असमान रूप से बड़ा सिर होना।

2. देखकर पता करना

चेहरे और शरीर के ढाँचे में हुई किसी तरह की गड़बड़, बौनेपन से जुड़ी हो सकती है। आपका बच्चा कैसा दिख रहा है, इसके आधार पर बाल रोग विशेषज्ञ को परीक्षण करने में मदद मिल सकती है।

3. इमेजिंग टेक्नोलॉजी (Imaging technology)

खोपड़ी और कंकाल की कुछ असामान्यताों के आधार पर ये पता किया जा सकता है कि आपके बच्चे को कौन सा विकार है इसलिए आपके डॉक्टर आपको बच्चे का एक्स रे कराने को बोल सकते हैं। पिट्यूटरी ग्रंथि या हाइपोथैलेमस की असामान्यताओं को जानने के लिए डॉक्टर एमआरआई करवा सकते हैं।

4. अनुवांशिक परीक्षण

आनुवंशिक परीक्षण बौनेपन से संबंधित विकारों के कई ज्ञात कारणों को जानने के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन इससे हमेशा सटीक परीक्षण नहीं हो सकता है।

5. परिवार के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ

आपके परिवार औसत लम्बाई की जानकारी लेकर डॉक्टर ये जानने की कोशिश करेंगे कि आपमें बौनापन होने की कितनी संभावना है।

6. हार्मोन परीक्षण

आपके डॉक्टर आपको वो टेस्ट कराने के लिए बोलेंगे जिससे आपके ग्रोथ हॉर्मोन और अन्य हॉर्मोन जो शरीर में विभिन्न तरह के विकास के लिए जरूरी हैं, उनसे जुड़ी समस्या का पता किया जा सके।


बौनेपन का इलाज - Dwarfism Treatment 

अधिकांश बौनेपन का इलाज कद को नहीं बढ़ाता है लेकिन जटिलताओं से होने वाली समस्याओं को सही कर सकता है या राहत दे सकता है।

1. सर्जिकल उपचार

निम्न दी हुई सर्जिकल प्रक्रियाएं डिस्प्रोपोर्शनेट बौनापन वाले लोगों में समस्याओं को ठीक कर सकती हैं:

हड्डियों के गलत दिशा में बढ़ने की समस्या को ठीक करना
रीढ़ की हड्डी के आकार को सही करने के साथ-साथ स्थिर करना
रीढ़ की हड्डी पर दबाव कम करने के लिए उस की हड्डियों के बीच वाली जगह को चौड़ा किया जाता है (और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी की चोट के लक्षण)
मस्तिष्क के चारों ओर अतिरिक्त तरल पदार्थ को हटाने के लिए एक शंट (shunt: इसकी मदद से तरल पदार्थ को हटाने के लिए रास्ता बनाया जाता है) डाली जाती है

2. अंगों को लम्बा करने की सर्जरी

बौनेपन वाले कुछ लोग अंग लम्बे कराने के लिए सर्जरी करवाते हैं। यह प्रक्रिया बौनेपन वाले कई लोगों के लिए सही नहीं रहती क्योंकि इस के साथ इसके जोखिम जुड़े हैं। इस से जुड़ी प्रक्रियाओं के भावनात्मक और शारीरिक तनाव की वजह से, बौनेपन वाले इंसान को ये सलाह दी जाती है की जब तक वो आयु में इतना बड़ा और समझदार न हो जाए की वो सर्जरी जैसा बड़ा कदम उठा सके, तब तक उसे सर्जरी नहीं करानी चाहिए।

3. हार्मोन थेरेपी

जिन लोगोंं में ग्रोथ हार्मोन की कमी के कारण बौनापन रह जाता है, उनको ग्रोथ हार्मोन के इन्जेक्शन पर्याप्त लंबाई प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

ज्यादातर मामलों में बच्चों को रोजाना इन्जेक्शन दिये जाते हैं, ये इन्जेक्शन उनको कुछ सालों तक लगातार दिये जाते हैं, जब तक वे अपने परिवार की अधिकतम औसतन वयस्क लंबाई प्राप्त नहीं कर लेते हैं।

ये उपचार किशोरावस्था से लेकर वयस्क अवस्था की शुरुआत तक चल सकता है जिससे वयस्क की परिपक्वता (maturity) सुनिश्चित की जा सके, जैसे कि मांसपेशियों या वसा में उचित विकास हुआ है या नहीं। कुछ व्यक्तियों को उम्रभर इलाज की आवश्यकता हो सकती है। अन्य संबंधित हार्मोन की कमी को पूरा करने के लिए भी इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

टर्नर सिंड्रोम वाली लड़कियों के लिए उपचार के लिए एस्ट्रोजन और संबंधित हार्मोन थेरेपी की आवश्यकता होती है जिससे वे किशोरावस्था की शुरुआत कर सकें और वयस्क यौन विकास प्राप्त कर सकें। एस्ट्रोजेन रीप्लेसमेन्ट थेरेपी  (Estrogen replacement therapy) आमतौर पर जीवनभर जारी रहती है जब तक कि एक महिला रजोनिवृत्ति (menopause) की औसत आयु तक नहीं पहुंच जाती।

एकोंड्रॉप्लासिया वाले बच्चों में ग्रोथ हार्मोन का सप्लीमेंट, अधिकतम वयस्क लम्बाई में वृद्धि नहीं कर पाता है।


4. लगातार स्वास्थ्य देखभाल

डॉक्टर द्वारा नियमित जांच और लगातार देखभाल ज़िन्दगी को आसान बना सकती है। इसमें लक्षण और जटिलताएं बहुत अलग-अलग हो सकती हैं, जैसे कि कान में संक्रमण, रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना या स्लीप एप्निया, इसलिए उनका इलाज रोगी के अनुसार ही किया जाता है।

बौने वयस्कों का पूरे जीवन में होने वाली समस्याओं का इलाज चलते रहना चाहिए।


बौनेपन की जटिलताएं - Dwarfism Risks & Complications

बौनेपन से संबंधित विकारों की जटिलताओं में काफी भिन्नता हो सकती है, लेकिन कुछ स्थितियों की कई जटिलताएं आम हैं।

1. डिस्प्रोपोर्शनेट बौनापन

इस प्रकार के बौनेपन में खोपड़ी, रीढ़ की हड्डी और हाथ-पैरों की विशेषताओं की वजह से कुछ दिक्कतें हो सकती हैं, जैसे कि:

1. बैठना, चलना या घुटनो के बल चलना जैसे कामों में समस्या
2. अक्सर कान में संक्रमण होना और कम सुनाई आने का खतरा
3. टांगो का बाहर की तरफ मुड़ जाना
4. नींद के दौरान सांस लेने में कठिनाई जिसे स्लीप एपनिया भी कहा जाता  है
5. खोपड़ी के निचले हिस्से की तरफ रीढ़ की हड्डी पर दबाव
मस्तिष्क के चारों ओर अतिरिक्त तरल पदार्थ का होना जिसे हाइड्रोसेफलस (hydrocephalus) भी कहा जाता है
6. दाँत टेढ़े-मेढ़े होना
7. कूबड़ होना और उसका गंभीर रूप से लगातार बढ़ना,
8. साथ ही पीठ दर्द और सांस लेने की समस्याएं होना
9. रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना जिसे "स्पाइनल स्टेनोसिस" (spinal stenosis) भी कहा जाता है, जिसके परिणामस्वरूप रीढ़ की हड्डी पर दबाव होता है और उससे पैरों में दर्द या सूजन होती है
10. गठिया होना
11. वजन बढ़ना जिससे जोड़ों और रीढ़ की हड्डी की जटिल समस्याएँ होती है और नसों पर दबाव पड़ता है


2. प्रोपोर्शनेट बौनापन

प्रोपोर्शनेट ड्वारफिज़्म की वजह से विकास से जुडी कई समस्याएं देखने को मिलती हैं जिनकी वजह से अंगों का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है। उदाहरण के लिए, टर्नर सिंड्रोम में अक्सर दिल की समस्याएं मौजूद होती हैं, जिनका स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ सकता है।

3. गर्भावस्था

प्रोपोर्शनेट ड्वारफिज़्म से ग्रसित महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान सांस से जुडी समस्याएँ देखने को मिल सकती है। सी-सेक्शन (सीज़ेरियन डिलीवरी) लगभग हमेशा जरूरी होता है क्योंकि श्रोणि का आकार, नॉर्मल डिलीवरी की अनुमति नहीं देता है।

4. सार्वजनिक धारणाएं

औसत लम्बाई वाले लोगों में बौने लोगों को लेकर गलत धारणाएँ हो सकती है। आजकल फिल्मों में बौनापन वाले लोगों के चित्रण में अक्सर रूढ़िवादीता शामिल होती है। गलतफहमी किसी व्यक्ति के आत्म-सम्मान को प्रभावित कर सकती है और स्कूल या रोजगार में सफलता के अवसरों को सीमित कर सकती है।

बौनापन वाले बच्चे विशेष रूप से सहपाठियों से चिढ़ाने और उपहास के लिए कमजोर होते हैं। क्योंकि बौनापन अपेक्षाकृत असामान्य है, बच्चे अपने साथियों से अलग महसूस कर सकते हैं।


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