Sunday, March 10, 2019

श्रवण बाधित की विशेषताएं

श्रवण बाधित की विशेषताएं

श्रवण बाधिक बालकों में अनेक विशेषताएं पायी जाती हैं ।
1. भाषा संबंधी विशेषताएं 2. शैक्षिक विशेषताएं
3. बौद्धिक योग्यता संबंधी विशेषताएं 4. सामाजिक व व्यावसायिक विशेषताएं 5. अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं।

भाषा संबंधी विशेषताएं

1. श्रवण बाधित बालकों की भाषा भी अत्यंत प्रभावित होती है।

2. इनको प्रशिक्षण के द्वारा उचित शिक्षा प्रदान की जाती है।

3. गंभीर बाधितों में यह सबसे बड़ी कठिनाई होती है कि वह बालक का सामान्य विकास नहीं कर पाते।

4. यह भाषा का कम प्रयोग करते हैं।

5. इनके गहन प्रशिक्षण के द्वारा भाषा का सामान्य विकास हो जाता है।

6. इन बालकों की अभिवृत्ति ऐसी होती है कि वो अपने को बोलने में अयोग्य समझते हैं, परंतु वह वैज्ञानिक आधार नहीं होता है।


शैक्षिक विशेषताएं

1. इन बालकों में शिक्षा संबंधी अनेक विशेषताएं होती है।

2. इनका बौद्धिक स्तर तो ऊंचा होता है, परंतु फिर भी इनकी शैक्षिक उपलब्धि ऊंची नहीं होती।

3. इन बालकों की शैक्षिक निष्पत्ति के हालात ज्यादा उच्च नहीं होते, क्योंकि शैक्षिक निष्पत्ति में शाब्दिक योग्यता की भूमिका उच्च होती है।

4. इन बालकों को पढ़ने में कठिनाई होती है, क्योंकि इनकी भाषा का सही विकास नहीं होता है।

बौद्धिक योग्यता संबंधी विशेषताएं

1. श्रवण बाधित बालकों का मानसिक विकास सामान्य बालकों के समान ही होता है।

2. इन बालकों में बौद्धिक कार्य सामान्य बालकों के जैसे ही होते हैं।

3. इनकी चिन्तन शक्ति सामान्य बालकों जैसी होती है।

4. यह बालक अशाब्दिक भाषा से बौद्धिक कार्य करने में सक्षम होते हैं।

5. इन बालकों की बौद्धिक अशाब्दिक परिक्षा (Non-verbal intelligent test) में इनकी बुद्धि-लाब्धि उच्च होती है।

सामाजिक व व्यावसायिक विशेषताएं

1. श्रवण बाधित बालक अपने ही समूह में रहना पसंद करते हैं तथा उनसे संबंध बनाते हैं उनकी रूचियां भी समान होती हैं।

2. सम्प्रेषण की समस्याओं के कारण समाज में इनकी अन्त:प्रक्रिया नहीं हो पाती हैं।

3. इन बालकों की इच्छाएं तो अधिक होती हैं कि इन्हें सामाजिक मान्यता मिले व सामाजिक अन्त: प्रक्रिया हो तथा इस इच्छा पूर्ति के न होने से उनमें हीन भावना अधिक हो जाती है।

4. श्रवण बाधित बालकों के सामाजिक व व्यक्तित्व संबंधी विशेषताएं सामान्य बालकों से अलग होती है।

5. श्रवण बाधित बालकों में भावात्मक समायोजन में सामान्य बालकों के समान होते हैं। सामान्य बालकों की तरह वातावरण के घटक उनके भावनात्मक पक्ष को प्रभावित करते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं

कुछ शोध अध्ययनों के फलस्वरूप यह पता चला है कि श्रवण बाधित बालकों की मानसिक योग्यता कम होती है तथा इनकी शैक्षिक योग्यता एवं समायोजन भी उत्तम नहीं होता है।


सामान्य श्रवण विकास -

बच्चों में सामान्य विकास हो रहा है अथवा नहीं, जानने के लिए नीचे दिये गये निर्देशों पर ध्यान देना चाहिए। यदि बच्चे द्वारा इस प्रकार की अनुक्रियाएं नहीं ही जा रही है, तो श्रवण दोष की आशंका की जानी चाहिए। यदि ताली की आवाज जोर से दी जाय तो बच्चा चौंकता है। सामान्यत: बच्चे अपने मां की आवाज को पहचानते हैं और उनकी आवाज सुनने पर चुप हो जाते हैं। बच्चों के साथ बात की जाये, तो वे मुस्कुराते भी हैं और यदि खेल रहे हैं तो आवास होने पर खेलना बंद कर देते हैं। यदि उनके पास सुखदायी एवं नई आवाज उत्पन्न की जाये, तो वे अच्छी तरह सुनते हैं। इस उम्र के बच्चे आवाज होने पर उस दिशा में गर्दन घुमाकर देखते हैं। इस उम्र के बच्चे बुलाने पर देखते हैं तथा कुछ शब्दों को समझते भी हैं, जैसे - मुंह बंद करो, मुंह खोलो इत्यादि। साधारण निर्देश को समझते हैं। ½½ -वर्ष  आग्रह करने पर बच्चे उस पर प्रतिक्रिया करते हैं, जैसे - मुझे गुड़िया दो। यदि बच्चे का व्यवहार का सावधानीपूर्वक आकलन करते हैं, तो प्राय: श्रवण दोष की पहचान की जा सकती है।

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