एम्स दिल्ली (अखिल भारतीय आयुर्वेविज्ञान संस्थान दिल्ली)
The All India Institutes of Medical Sciences(AIIMS)
एक मेडिकल कॉलेज और मेडिकल रिसर्च पब्लिक यूनिवर्सिटी है जो नई दिल्ली, भारत में स्थित है। एम्स की स्थापना 1956 में हुई थी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन स्वायत्तता से संचालित होती है।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली
200px - एम्स दिल्ली
ध्येय - Sharīramādyam khalu dharmasādhanam
(from the Kumārasambhava of Kālidāsa, [5.33])
Motto in English - "The body is indeed the primary instrument of dharma."
प्रकार - Public
स्थापित - 1956
अध्यक्ष - चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
डीन - वाई के गुप्ता
निदेशक। - रणदीप गुलरिया
स्थान - नई दिल्ली, दिल्ली, भारत
28°33′54″N 77°12′36″E / 28.565°N 77.21°E
परिसर - शहरी
भाषा। - हिन्दी
जालस्थल । - www.aiims.edu
एम्स का इतिहास
जवाहर लाल नेहरू जी ने देश को वैज्ञानिक संस्कृति से ओत प्रोत करने का सपना देखा था और स्वतंत्रता के तुरंत बाद उन्होंने इसे प्राप्त करने के लिए एक विशाल डिजाइन तैयार की। आधुनिक भारत के मंदिरों में से एक, जिन्हें उनकी कंल्पना से बनाया गया, चिकित्सा विज्ञान का एक उत्कृष्टता केन्द्र था। नेहरु जी का सपना यह था कि दक्षिण पूर्वी एशिया में चिकित्सा चिकित्सा और अनुसंधान की गति बनाए रखने के लिए एक केन्द्र होना चाहिए और इसमें उन्होंने अपनी तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर का पूरा सहयोग पाया।
एक भारतीय लोक सेवक, सर जोसेफ भोर, की अध्यक्षता में 1946 के दौरान स्वास्थ्य सर्वेक्षण और विकास समिति द्वारा एक राष्ट्रीय चिकित्सा केन्द्र की स्थापना की पहले ही सिफारिश की गई थी, जो राष्ट्र की बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल गतिविधियों को संभालने के लिए उच्च योग्यता प्राप्त जनशक्ति की जरूरत पूरी कर सकें। पंडित नेहरु और अमृत कौर के सपने तथा भोर समिति की सिफारिशों को मिलाकर एक प्रस्ताव बनाया गया जिसे न्यूज़ीलैंड की सरकार का समर्थन मिला। न्यूज़ीलैंड का उदारतापूर्वक दिया गया दान कोलोम्बो योजना के तहत आया जिससे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला 1952 में रखी गई। अंत में एम्स का सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक स्वायत्त संस्थान के रूप में स्वास्थ्य देखभाल के सभी पक्षों में उत्कृष्टता को पोषण देने के केन्द्र के रूप में कार्य करने हेतु किया गया था।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना सभी शाखाओं में स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में अध्यापन के पैटर्न विकसित करने के उद्देश्य से संसद के अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के एक संस्थान के रूप में की गई थी, ताकि भारत में चिकित्सा शिक्षा के उच्च मानक प्रदर्शित किए जा सकें, स्वास्थ्य गतिविधि की सभी महत्वपूर्ण शाखाओं में कार्मिकों के प्रशिक्षण हेतु उच्चतम स्तर की शैक्षिक सुविधाएं एक ही स्थान पर लाने और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में आत्मनिर्भरता पाई जा सके।
संस्थान में अध्यापन, अनुसंधान और रोगियों की देखभाल के लिए व्यापक सुविधाएं हैं। जैसा कि अधिनियम में बताया गया है, एम्स द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तरों पर चिकित्सा तथा पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में अध्यापन कार्यक्रम चलाए जाते हैं और यह छात्रों को अपनी ही डिग्री देता है। यहां 42 विषयों में अध्यापन और अनुसंधान आयोजित किए जाते हैं। चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में एम्स अग्रणी है, जहां एक वर्ष में इसके संकाय और अनुसंधानकर्ताओं द्वारा 600 से अधिक अनुसंधान प्रकाशन प्रस्तुत किए जाते हैं। एम्स में एक नर्सिंग महाविद्यालय भी चलाया जाता है और यहां बी. एससी. (ऑन) नर्सिंग पोस्ट प्रमाण पत्र डिग्री के लिए छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
चार सुपर स्पेशियलिटी केन्द्रों के साथ 25 क्लिनिकल विभाग व्यावहारिक रूप से पूर्व और पैराक्लिनिकल विभागों की सहायता से रोग की सभी परिस्थितियों का प्रबंधन करते हैं। जबकि जलने के मामलों, कुत्ते के काटने के मामलों और संक्रामक रोगों से पीडित रोगियों को एम्स अस्पताल में उपचार नहीं दिया जाता है। एम्स द्वारा हरियाणा के वल्लभ गढ़ में व्यापक ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र में 60 बिस्तरों वाले अस्पताल का भी प्रबंधन किया जा रहा है और यहां सामुदायिक उपचार के लिए केन्द्र के माध्यम से लगभग 2.5 लाख आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं।
एम्स के उद्देश्य
इसकी सभी शाखाओं में स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में अध्ययन के एक पैटर्न का विकास करना ताकि सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और भारत के अन्य संबद्ध संस्थानों में चिकित्सा शिक्षा के उच्च मानक प्रदर्शित किए जा सकें।
स्वास्थ्य गतिविधि की सभी महत्वपूर्ण शाखाओं में कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए उच्चतम स्तर की शैक्षिक सुविधाएं एक ही स्थान पर लाना।
चिकित्सा शिक्षा में स्नातकोत्तर स्तर पर आत्मनिर्भरता लाना।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स (AIIMS) सार्वजनिक आयुर्विज्ञान महाविद्यालय का समूह है। इस समूह में नई दिल्ली स्थित भारत का सबसे पुराना उत्कृष्ट एम्स संस्थान है। इसकी आधारशिला 1952 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक स्वायत्त संस्थान के रूप में स्वास्थ्य देखभाल के सभी पक्षों में उत्कृष्टता को पोषण देने के केन्द्र के रूप में कार्य करने हेतु किया गया। एम्स चौक दिल्ली के रिंग रोड पर पड़ने वाला चौराहा है, इसे अरविन्द मार्ग काटता है।
सन् 2012 में पूर्व प्रधानमन्त्री डा• मनमोहन सिंह सरकार द्वारा एक ही साल में रिकार्ड 6 एम्स भारत के अलग-अलग राज्यों में खोले गए।
सन् 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी श्रंखला में 6 अन्य एम्स संस्थान पूरे भारत में निर्माण की तरफ अग्रसर हैं।। ताकि दूर दराज के लोगों को बेहतर इलाज की सुविधायें पाई जा सके! 2022 तक हर राज्य में एक AIIMS खोलने का विचार है।
संस्थान

एम्स दिल्ली के मध्य स्थित एम्स संस्थानों की स्थिति
नम्बर नाम लघु नाम स्थापना शहर प्रदेश/UT
1 एम्स दिल्ली एम्स - 1956 - नई दिल्ली दिल्ली
2 एम्स भोपाल एम्स - 2012 - भोपाल मध्य प्रदेश
3 एम्स भुवनेश्वर एम्स -2012 - भुवनेश्वर ओडिशा
4 एम्स जोधपुर एम्स - 2012 - जोधपुर राजस्थान
5 एम्स पटना जे पी एन-एम्स-2012 - पटना बिहार
6 एम्स रायपुर एम्स - 2012 - रायपु छत्तीसगढ़
7 एम्स ऋषिकेश एम्स- 2012 - ऋषिकेश उत्तराखंड
अध्यापन
संस्थान में अध्यापन, अनुसंधान और रोगियों की देखभाल के लिए व्यापक सुविधाएं हैं। एम्स द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तरों पर चिकित्सा तथा पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में अध्यापन कार्यक्रम चलाए जाते हैं और यह छात्रों को अपनी ही डिग्री देता है। यहां 42 विषयों में अध्यापन और अनुसंधान आयोजित किए जाते हैं। एम्स में एक नर्सिंग महाविद्यालय भी चलाया जाता है और यहां बी. एससी. (ऑन) नर्सिंग पोस्ट प्रमाण पत्र डिग्री के लिए छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
एम्स द्वारा हरियाणा के वल्लभ गढ़ में व्यापक ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र में 60 बिस्तरों वाले अस्पताल का भी प्रबंधन किया जा रहा है और यहां सामुदायिक उपचार के लिए केन्द्र के माध्यम से लगभग 2.5 लाख आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं।
एम्स के कार्य
चिकित्सा और संबंधित भौतिक जीवन विज्ञानों में स्नातक तथा स्नातकोत्तर अध्यापन
नर्सिंग और दंत चिकित्सा शिक्षा
शिक्षा में नवाचार
देश के लिए चिकित्सा अध्यापकों को तैयार करना
चिकित्सा और संबंधित सेवाओं में अनुसंधान
स्वास्थ्य देखभाल : निवारणात्मक, प्रवर्तनकारी और उपचारात्मक, प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक
समुदाय आधारित अध्यापन और अनुसंधान।
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The All India Institutes of Medical Sciences(AIIMS)
एक मेडिकल कॉलेज और मेडिकल रिसर्च पब्लिक यूनिवर्सिटी है जो नई दिल्ली, भारत में स्थित है। एम्स की स्थापना 1956 में हुई थी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन स्वायत्तता से संचालित होती है।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली
200px - एम्स दिल्ली
ध्येय - Sharīramādyam khalu dharmasādhanam
(from the Kumārasambhava of Kālidāsa, [5.33])
Motto in English - "The body is indeed the primary instrument of dharma."
प्रकार - Public
स्थापित - 1956
अध्यक्ष - चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
डीन - वाई के गुप्ता
निदेशक। - रणदीप गुलरिया
स्थान - नई दिल्ली, दिल्ली, भारत
28°33′54″N 77°12′36″E / 28.565°N 77.21°E
परिसर - शहरी
भाषा। - हिन्दी
जालस्थल । - www.aiims.edu
एम्स का इतिहास
जवाहर लाल नेहरू जी ने देश को वैज्ञानिक संस्कृति से ओत प्रोत करने का सपना देखा था और स्वतंत्रता के तुरंत बाद उन्होंने इसे प्राप्त करने के लिए एक विशाल डिजाइन तैयार की। आधुनिक भारत के मंदिरों में से एक, जिन्हें उनकी कंल्पना से बनाया गया, चिकित्सा विज्ञान का एक उत्कृष्टता केन्द्र था। नेहरु जी का सपना यह था कि दक्षिण पूर्वी एशिया में चिकित्सा चिकित्सा और अनुसंधान की गति बनाए रखने के लिए एक केन्द्र होना चाहिए और इसमें उन्होंने अपनी तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर का पूरा सहयोग पाया।
एक भारतीय लोक सेवक, सर जोसेफ भोर, की अध्यक्षता में 1946 के दौरान स्वास्थ्य सर्वेक्षण और विकास समिति द्वारा एक राष्ट्रीय चिकित्सा केन्द्र की स्थापना की पहले ही सिफारिश की गई थी, जो राष्ट्र की बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल गतिविधियों को संभालने के लिए उच्च योग्यता प्राप्त जनशक्ति की जरूरत पूरी कर सकें। पंडित नेहरु और अमृत कौर के सपने तथा भोर समिति की सिफारिशों को मिलाकर एक प्रस्ताव बनाया गया जिसे न्यूज़ीलैंड की सरकार का समर्थन मिला। न्यूज़ीलैंड का उदारतापूर्वक दिया गया दान कोलोम्बो योजना के तहत आया जिससे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला 1952 में रखी गई। अंत में एम्स का सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक स्वायत्त संस्थान के रूप में स्वास्थ्य देखभाल के सभी पक्षों में उत्कृष्टता को पोषण देने के केन्द्र के रूप में कार्य करने हेतु किया गया था।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना सभी शाखाओं में स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में अध्यापन के पैटर्न विकसित करने के उद्देश्य से संसद के अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के एक संस्थान के रूप में की गई थी, ताकि भारत में चिकित्सा शिक्षा के उच्च मानक प्रदर्शित किए जा सकें, स्वास्थ्य गतिविधि की सभी महत्वपूर्ण शाखाओं में कार्मिकों के प्रशिक्षण हेतु उच्चतम स्तर की शैक्षिक सुविधाएं एक ही स्थान पर लाने और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में आत्मनिर्भरता पाई जा सके।
संस्थान में अध्यापन, अनुसंधान और रोगियों की देखभाल के लिए व्यापक सुविधाएं हैं। जैसा कि अधिनियम में बताया गया है, एम्स द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तरों पर चिकित्सा तथा पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में अध्यापन कार्यक्रम चलाए जाते हैं और यह छात्रों को अपनी ही डिग्री देता है। यहां 42 विषयों में अध्यापन और अनुसंधान आयोजित किए जाते हैं। चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में एम्स अग्रणी है, जहां एक वर्ष में इसके संकाय और अनुसंधानकर्ताओं द्वारा 600 से अधिक अनुसंधान प्रकाशन प्रस्तुत किए जाते हैं। एम्स में एक नर्सिंग महाविद्यालय भी चलाया जाता है और यहां बी. एससी. (ऑन) नर्सिंग पोस्ट प्रमाण पत्र डिग्री के लिए छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
चार सुपर स्पेशियलिटी केन्द्रों के साथ 25 क्लिनिकल विभाग व्यावहारिक रूप से पूर्व और पैराक्लिनिकल विभागों की सहायता से रोग की सभी परिस्थितियों का प्रबंधन करते हैं। जबकि जलने के मामलों, कुत्ते के काटने के मामलों और संक्रामक रोगों से पीडित रोगियों को एम्स अस्पताल में उपचार नहीं दिया जाता है। एम्स द्वारा हरियाणा के वल्लभ गढ़ में व्यापक ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र में 60 बिस्तरों वाले अस्पताल का भी प्रबंधन किया जा रहा है और यहां सामुदायिक उपचार के लिए केन्द्र के माध्यम से लगभग 2.5 लाख आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं।
एम्स के उद्देश्य
इसकी सभी शाखाओं में स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा में अध्ययन के एक पैटर्न का विकास करना ताकि सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और भारत के अन्य संबद्ध संस्थानों में चिकित्सा शिक्षा के उच्च मानक प्रदर्शित किए जा सकें।
स्वास्थ्य गतिविधि की सभी महत्वपूर्ण शाखाओं में कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए उच्चतम स्तर की शैक्षिक सुविधाएं एक ही स्थान पर लाना।
चिकित्सा शिक्षा में स्नातकोत्तर स्तर पर आत्मनिर्भरता लाना।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या एम्स (AIIMS) सार्वजनिक आयुर्विज्ञान महाविद्यालय का समूह है। इस समूह में नई दिल्ली स्थित भारत का सबसे पुराना उत्कृष्ट एम्स संस्थान है। इसकी आधारशिला 1952 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक स्वायत्त संस्थान के रूप में स्वास्थ्य देखभाल के सभी पक्षों में उत्कृष्टता को पोषण देने के केन्द्र के रूप में कार्य करने हेतु किया गया। एम्स चौक दिल्ली के रिंग रोड पर पड़ने वाला चौराहा है, इसे अरविन्द मार्ग काटता है।
सन् 2012 में पूर्व प्रधानमन्त्री डा• मनमोहन सिंह सरकार द्वारा एक ही साल में रिकार्ड 6 एम्स भारत के अलग-अलग राज्यों में खोले गए।
सन् 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी श्रंखला में 6 अन्य एम्स संस्थान पूरे भारत में निर्माण की तरफ अग्रसर हैं।। ताकि दूर दराज के लोगों को बेहतर इलाज की सुविधायें पाई जा सके! 2022 तक हर राज्य में एक AIIMS खोलने का विचार है।
संस्थान

एम्स दिल्ली के मध्य स्थित एम्स संस्थानों की स्थिति
नम्बर नाम लघु नाम स्थापना शहर प्रदेश/UT
1 एम्स दिल्ली एम्स - 1956 - नई दिल्ली दिल्ली
2 एम्स भोपाल एम्स - 2012 - भोपाल मध्य प्रदेश
3 एम्स भुवनेश्वर एम्स -2012 - भुवनेश्वर ओडिशा
4 एम्स जोधपुर एम्स - 2012 - जोधपुर राजस्थान
5 एम्स पटना जे पी एन-एम्स-2012 - पटना बिहार
6 एम्स रायपुर एम्स - 2012 - रायपु छत्तीसगढ़
7 एम्स ऋषिकेश एम्स- 2012 - ऋषिकेश उत्तराखंड
अध्यापन
संस्थान में अध्यापन, अनुसंधान और रोगियों की देखभाल के लिए व्यापक सुविधाएं हैं। एम्स द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तरों पर चिकित्सा तथा पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में अध्यापन कार्यक्रम चलाए जाते हैं और यह छात्रों को अपनी ही डिग्री देता है। यहां 42 विषयों में अध्यापन और अनुसंधान आयोजित किए जाते हैं। एम्स में एक नर्सिंग महाविद्यालय भी चलाया जाता है और यहां बी. एससी. (ऑन) नर्सिंग पोस्ट प्रमाण पत्र डिग्री के लिए छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
एम्स द्वारा हरियाणा के वल्लभ गढ़ में व्यापक ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र में 60 बिस्तरों वाले अस्पताल का भी प्रबंधन किया जा रहा है और यहां सामुदायिक उपचार के लिए केन्द्र के माध्यम से लगभग 2.5 लाख आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती हैं।
एम्स के कार्य
चिकित्सा और संबंधित भौतिक जीवन विज्ञानों में स्नातक तथा स्नातकोत्तर अध्यापन
नर्सिंग और दंत चिकित्सा शिक्षा
शिक्षा में नवाचार
देश के लिए चिकित्सा अध्यापकों को तैयार करना
चिकित्सा और संबंधित सेवाओं में अनुसंधान
स्वास्थ्य देखभाल : निवारणात्मक, प्रवर्तनकारी और उपचारात्मक, प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक
समुदाय आधारित अध्यापन और अनुसंधान।
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आप E-mail के द्वारा भी अपना सुझाव दे सकते हैं। prakashgoswami03@gmail.com
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