Friday, April 26, 2019

9. लोक प्रशासन (Public administration)

लोक प्रशासन

लोक प्रशासन (Public administration) मोटे तौर पर शासकीय नीति (government policy) के विभिन्न पहलुओं का विकास, उन पर अमल एवं उनका अध्ययन है। प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है।

एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे 'सरकार' कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है। इस प्रकार की सेवा उठाने के लिए सरकार को जन का वित्तीय बोझ करों और महसूलों के रूप में राजस्व वसूल कर संसाधन जुटाने पड़ते हैं। जिनकी कुछ आय है उनसे कुछ लेकर सेवाओं के माध्यम से उसका समतापूर्ण वितरण करना इसका उद्देश्य है।

किसी भी देश में लोक प्रशासन के उद्देश्य वहां की संस्थाओं, प्रक्रियाओं, कार्मिक-राजनीतिक व्यवस्था की संरचनाओं तथा उस देश के संविधान में व्यक्त शासन के सिद्धातों पर निर्भर होते हैं। प्रतिनिधित्व, उत्तरदायित्व, औचित्य और समता की दृष्टि से शासन का स्वरूप महत्व रखता है, लेकिन सरकार एक अच्छे प्रशासन के माध्यम से इन्हें साकार करने का प्रयास करती है।


प्रशासन

मानव एक सामाजिक प्राणी है। वह सदैव समाज में रहता है। प्रत्येक समाज को बनाये रखने के लिए कोई न कोई राजनीतिक व्यवस्था अवश्य होती है इसलिये यह माना जा सकता है कि उसके लिये समाज तथा राजनीतिक व्यवस्था अनादि काल से अनिवार्य रही है। अरस्तू ने कहा है कि “यदि कोई मनुष्य ऐसा है, जो समाज में न रह सकता हो, या जिसे समाज की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह अपने आप में पूर्ण है, तो वह अवश्य ही एक जंगली जानवर या देवता होगा।” प्रत्येक समाज में व्यवस्था बनाये रखने के लिये कोई न कोई निकाय या संस्था होती है, चाहे उसे नगर-राज्य कहें अथवा राष्ट्र-राज्य। राज्य, सरकार और प्रशासन के माध्यम से कार्य करता है। राज्य के उद्देश्य और नीतियाँ कितनी भी प्रभावशाली, आकर्षक और उपयोगी क्यों नहों, उनसे उस समय तक कोई लाभ नहीं हो सकता, जब तक कि उनको प्रशासन के द्वारा कार्य रूप में परिणित नहीं किया जाये। इसलिये प्रशासन के संगठन, व्यवहार और प्रक्रियाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।

चार्ल्सबियर्ड ने कहा है कि “कोई भी विषय इतना अधिक महत्त्वपूर्ण नहीं है जितना कि प्रशासन है। राज्य एवं सरकार का, यहाँ तक कि, स्वयं सभ्यता का भविष्य, सभ्य समाज के कार्यों का निष्पादन करने में सक्षम प्रशासन के विज्ञान, दर्शन और कला के विकास करने की हमारी योग्यता पर निर्भर है।” डॉनहम ने विश्वासपूर्वक बताया कि “यदि हमारी सभ्यता असफल होगी तो यह मुख्यतः प्रशासन की असफलता के कारण होगा। यदि किसी सैनिक अधिकारी की गलती से अणुबम छूट जाये तो तृतीय विश्व युद्ध शुरू हो जायेगा और कुछ ही क्षणों में विकसित सभ्यताओं के नष्ट होनेकी सम्भावनाएँ उत्पन्न हो जायेंगी।”

ज्यों-ज्यों राज्य के स्वरूप और गतिविधियों का विस्तार होता गया है, त्यों-त्यों प्रशासन का महत्त्व बढ़ता गया है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि हम प्रशासन की गोद में पैदा होते हैं, पलते है, बड़े होते हैं, मित्रता करते, एवं टकराते हैं और मर जाते हैं। आज की बढ़ती हुई जटिलताओं का सामना करने में, व्यक्ति एवं समुदाय, अपनी सीमित क्षमताओं और साधनों के कारण, स्वयं को असमर्थपाते हैं। चाहे अकाल, बाढ़, युद्धया मलेरिया की रोकथाम करनेकी समस्या हो अथवा अज्ञान, शोषण, असमानता या भ्रष्टाचार को मिटानेका प्रश्न हो, प्रशासन की सहायता के बिना अधिक कुछ नहीं किया जा सकता। स्थिति यह है कि प्रशासन के अभाव में हमारा अपना जीवन, मृत्यु के समान भयावह और टूटे तारे के समान असहाय लगता है। हम अपने वर्तमान का ही सहारा नहीं समझते, वरन् एक नयी सभ्यता, संस्कृति, व्यवस्था और विश्व के निर्माण का आधार मानतेहैं। हमें अपना भविष्य प्रशासन के हाथों में सौंप देने में अधिक संकोच नहीं होता।

 प्रशासन की आवश्यकता सभी निजी और सार्वजनिक संगठनों को होती है। डिमॉक एवं कोइंग ने कहा है कि “वही (प्रशासन) यह निर्धारण करता है कि हम किस तरह का सामान्य जीवन बितायेंगे और हम अपनी कार्यकुशलताओं के साथ कितनी स्वाधीनताओं का उपभोग करने में समर्थ होंगे।” प्रशासन स्वप्न और उनकी पूर्ति के बीच की दुनिया है। उसे हमारी व्यवस्था, स्वास्थ्य और जीवनशक्ति की कुन्जी माना जा सकता है। जहाँ स्मिथबर्ग, साइमन एवं थॉमसन उसे “सहयोगपूर्ण समूहव्यवहार” का पर्याय मानते हैं, वहाँ मोर्स्टीन मार्क्स के लिये वह “प्रत्येक का कार्य” है। वस्तुतः प्रशासन सभी नियोजित कार्यों में विद्यमान होता है, चाहे वे निजी हों अथवा सार्वजनिक। उसे प्रत्येक जनसमुदाय की सामान्य इच्छाओं की पूर्ति में निरत व्यवस्था माना जा सकता है।

प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था को प्रशासन की आवश्यकता होती है, चाहे वह लोकतंत्रात्मक हो अथवा समाजवादी या तानाशाही। एक दृष्टि से, प्रशासन की आवश्यकता लोकतंत्र से भी अधिक समाजवादी व्यवस्थाओं को रहती है। समाजवादी व्यवस्थाओं के सभी कार्यप्रशासकों द्वारा ही सम्पन्न किये जाते हैं। लोकतंत्रात्मक व्यवस्थाओं में व्यक्ति निजी तौर पर तथा सूचना समुदाय भी सार्वजनिक जीवन में अपना योगदान देते हैं। यद्यपि यह कहा जा सकता है कि प्रशासन का कार्य समाजवाद की अपेक्षा लोकतंत्र में अधिक कठिन होता है।

समाजवाद में प्रशासन पूरी तरह से एक राजनीतिक दल द्वारा नियन्त्रित और निर्देशित समान लक्ष्यों को पूरा करने के लिये समूहों द्वारा सहयोगपूर्ण ढंग से की गयी क्रियाएँ ही प्रशासन है। गुलिक ने सुपरिभाषित उद्देश्यों की पूर्ति को उपलब्ध कराने को प्रशासन कहा है। स्मिथबर्ग, साइमन आदि ने समान लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये सहयोग करने वाले समूहों की गतिविधि को प्रशासन माना है। फिफनर व प्रैस्थस के

मतानुसार, प्रशासन “वांछित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये मानवीय तथा भौतिक साधनों का संगठन एवं संचालन है।” एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका ने उसे “कार्यो के प्रबन्ध अथवा उनको पूरा करनेकी क्रिया” बताया है। नीग्रो के अनुसार, “प्रशासन लक्ष्य की प्राप्ति के लिये मनुष्य तथा सामग्री का उपयोग एवं संगठन है।” व्हाइट के विचारों में, वह “किसी विशिष्ट उद्देश्य अथवा लक्ष्य की प्राप्ति के लिये बहुत से व्यक्तियों का निर्देशन, नियन्त्रण तथा समन्वयन की कला है।”

उपर्युक्तपरिभाषाओं की दृष्टि से, प्रशासन के सामान्य लक्षण अग्रलिखित रूप से बताये जा सकते हैं -

1. मनुष्य तथा भौतिक साधनों का समन्वयन,
2. सामान्य लक्ष्यों अथवा नीति का पूर्वनिर्धारण,
3. संगठन एवंमानवीय सहयोग,
4. मानवीय गतिविधियों का निर्देशन औरनियंत्रण,
5. लक्ष्यों की प्राप्ति।
इन सभी लक्षणों को टीड की परिभाषा में देखा जा सकता है कि “प्रशासन वांछित परिणाम की प्राप्ति के लिये मानव प्रयासों के एकीकरण की समावेशी प्रक्रिया है।”

इन सभी परिभाषाओं में प्रशासन की बड़ी व्यापक व्याख्याएँ की गयी हैं। जब हम केवल सार्वजनिक नीतियों अथवा लोकनीतियों के क्रियान्वयन से संबंधित प्रशासन की बात करते हैं तो इसे “सार्वजनिक प्रशासन” या ‘लोकप्रशासन’ कहा गया है। यहीं लोकप्रशासन सामान्य “प्रशासन” से पृथक् एवं विशिष्ट हो जाता है। लोकप्रशासन के सिद्धान्त एवं कार्यप्रणालियाँ अन्य क्षेत्रों में उपलब्ध प्रशासनों को अधिकाधिक मात्रा में प्रभावित करती जा रही हैं।


लोक प्रशासन का अर्थ एवं परिभाषाएँ

व्हाइट के शब्दों में, लोक प्रशासन में “वे गतिविधियाँ आती हैं जिनका प्रयोजन सार्वजनिक नीति को पूरा करना अथवा क्रियान्वित करना होता है।”

वुडरो विल्सन के अनुसार, “लोकप्रशासन विधि अथवा कानून को विस्तृत एवं क्रमबद्ध रूप में क्रियान्वित करने का काम है। कानून को क्रियान्वित करने की प्रत्येक क्रिया प्रशासकीय क्रिया है।”

डिमॉक ने बताया है कि “प्रशासन का संबंध सरकार के “क्या” और “कैसे” से है। “क्या” से अभिप्राय विषय में निहित ज्ञान से है, अर्थात् वह विशिष्ट ज्ञान, जो किसी भी प्रशासकीय क्षेत्र में प्रशासक को अपना कार्य करनेकी क्षमता प्रदान करता हो। “कैसे” से अभिप्राय प्रबन्ध करनेकी उस कला एवं सिद्धान्तों से है, जिसके अनुसार, सामूहिक योजनाओं को सफलता की ओर ले जाया जाता है।”

हार्वे वाकर ने कहा कि “कानून को क्रियात्मक रूप प्रदान करने के लिये सरकार जो कार्य करती है, वही प्रशासन है।”

विलोबी के मतानुसार, “प्रशासन का कार्यवास्तव में सरकार के व्यवस्थापिका अंग द्वारा घोषित और न्यायपालिका द्वारा निर्मित कानून को प्रशासित करने से सम्बद्ध है।”

पर्सीमेक्वीन ने बताया कि “लोकप्रशासन सरकार के कार्यों से संबंधित होता है, चाहे वे केन्द्र द्वारा सम्पादित हों अथवा स्थानीय निकाय द्वारा।"


 व्यापक गतिविधि (Generic activity) के रूप में वाल्डो ने इसे “बोद्धिकता की उच्च मात्रा युक्त सहयोगपूर्ण मानवीय-क्रिया” कहा है।

सिद्धान्त एवं विश्लेषण की दृष्टि से लोकप्रशासन एवं निजी प्रशासन, सामान्य प्रशासन के ही दो विशिष्ट रूप हैं किन्तु इन दोनों रूपों में मौलिक समानताएँ पायी जाती हैं। वर्तमान समय में, इनके मध्य चली आ रही असमानताएँ क्रमशः कम होती जा रही हैं। इसी प्रकार, प्रबन्धन भी प्रशासन से भिन्न न होकर उसी का संचालन एवं निर्देशात्मक भाग है।


लोक प्रशासन के सिद्धांत और मूल तत्व

लोक प्रशासन का विषय बहुत व्यापक और विविधतापूर्ण है। इसका सिद्धांत अंतः अनुशासनात्मक (इन्टर-डिसिप्लिनरी) है क्योंकि यह अपने दायरे में अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, प्रबंधशास्त्र और समाजशास्त्र जैसे अनेक सामाजिक विज्ञानों को समेटता है।

लोक प्रशासन या सुशासन के केन्द्रीय तत्व पूरी दुनिया में समान ही हैं - दक्षता, मितव्ययिता और समता उसके मूलाधार हैं। शासन के स्वरूपों, आर्थिक विकास के स्तर, राजनीतिक और सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों, अतीत के प्रभावों तथा भविष्य संबंधी लक्ष्यों या स्वप्नों के आधार पर विभिन्न देशों की व्यवस्थाओं में अंतर अपरिहार्य हैं। लोकतंत्र में लोक प्रशासन का उद्देश्य ऐसे उचित साधनों द्वारा, जो पारदर्शी तथा सुस्पष्ट हों, अधिकतम जनता का अधिकतम कल्याण है।


लोक प्रशासन: एक व्यावहारिक शास्त्र

अमेरिकी विद्वान वुडरो विल्सन के अनुसार, एक संविधान बनाने की अपेक्षा उसे चलाना अधिक कठिन है। चूंकि संविधान के क्रियान्वयन में प्रशासन की भूमिका होती है इसलिए प्रशासन को एक व्यावहारिक अनुशासन माना जाता है, जिसके गंभीर अध्ययन की आवश्यकता है। विल्सन का मुख्य संदेश था कि, लोक प्रशासन को राजनीति से पृथक किया जाना चाहिए। हालांकि राजनीति प्रशासन के कार्य निर्धारित कर सकती है, फिर भी प्रशानिक अनुशासन को अपने कार्य से विचलित नहीं किया जाना चाहिए।[2] लोक प्रशासन चाहे कला हो या विज्ञान हो, यह एक व्यावहारिक शास्त्र है, जो सर्वव्यापी बन चुके राजनीति और राजकीय कार्यकलापों से गहराई से जुड़ा हुआ है। व्यवहार में भी लोक प्रशासन एक सर्व-समावेशी (आल-इनक्लूसिव) शास्त्र बन चुका है, क्योंकि यह जन्म से लेकर मृत्यु तक (पेंशन, क्षतिपूर्ति, अनुग्रह राशि आदि के रूप में) व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है। वास्तव में यह व्यक्ति को उसके जन्म के पहले से भी प्रभावित कर सकता है, जैसे भ्रूण परीक्षण पर प्रतिबंध या महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान जैसी नीतियों के द्वारा।


 प्रशासन और लोक-प्रशासन में अन्तर

'लोक प्रशासन' के अर्थ को भली-भांति समझने के लिए ‘प्रशासन’ और ‘लोक प्रशासन’ में विभेद समझना आवश्यक हैः

        1. प्रशासन                       2. लोक प्रशासन

  • प्रशासन एक सामान्य शब्दावली है जिसका परिप्रेक्ष्य व्यापक है। जबकि लोक प्रशासन का परिप्रेक्ष्य संकुचित है, क्योंकि यह सार्वजनिक नीतियों से ही सम्बन्धित है।
  • प्रशासन का सम्बन्ध कार्यों को सम्पन्न कराने से है जिससे कि निर्धारित लक्ष्य पूरे हो सकें। जबकि लोक प्रशासन दोहरे स्वरूप वाला है। यह अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान का शैक्षणिक विषय होने के साथ-साथ क्रियाशील विज्ञान भी है।
  • आमतौर से प्रशासन एक क्रिया (activity) भी है और प्रक्रिया (process) भी है। जबकि लोक प्रशासन का सम्बन्ध सार्वजनिक नीति के निर्माण, क्रियान्वयन से है। यह नीति विज्ञान और प्रक्रिया होती है।
  • प्रशासन एक सार्वलौकिक क्रिया है जिसे समस्त प्रकार के समूह प्रयत्नों में देखा जा सकता है, चाहे वह समूह परिवार, राज्य या अन्य सामाजिक संघ हो। जबकि लोक प्रशासन का सम्बन्ध विशिष्ट रूप से सरकारी क्रियाकलापों से है। इसके अन्तर्गत वे सभी प्रशासन आ सकते हैं जिनका जनता पर पर्याप्त प्रभाव पड़ता है।
  • प्रशासन उन समस्त सामूहिक क्रियाओं का नाम है जो सामान्य लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सहयोगात्मक रूप में प्रस्तुत की जाती है। जबकि लोक प्रशासन सरकार के कार्य का वह भाग है जिसके द्वारा सरकार के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति होती है।
  • प्रशासन एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए सहयोगी ढंग से किया जाने वाला कार्य है। लोक प्रशासन ऐसे उद्देश्यों का क्रियान्वयन है, जिन्हें जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों ने निर्धारित किया है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति लोक सेवाओं द्वारा सहयोगी ढंग से की जाती है।

  • प्रशासन के अन्तर्गत लोक प्रशासन और निजी प्रशासन प्रशासन दोनों समाविष्ट हैं। जबकि लोक प्रशासन का सम्बन्ध ‘सार्वजनिक’ (जनता से सम्बन्धित) प्रशासन से है।



लोक प्रशासन की प्रकृति और कार्यक्षेत्र


लोकप्रशासन की प्रकृति को लेकर विद्वानों में तीव्र मतभेद है कि लोक प्रशासन को विज्ञान की श्रेणी में रखा जाये अथवा कला की श्रेणी में। इसी मतभेद के आधार पर विद्वानों को चार श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है:

(1) लोक प्रशासन को विज्ञान मानने वाले विचारक।

(2) लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने वाले विचारक।

(3) लोक प्रशासन को कला मानने वाले विचारक।

(4) लोक प्रशासन को कला व विज्ञान दोनों की श्रेणी में रखने वाले विचारक।


लोक प्रशासन में मूल्य

वर्तमान समय में लोक प्रशासन की भूमिका अत्यधिक व्यापक एवं जटिल हो गई है। नीति निर्माण की प्रक्रिया और विभिन्न समस्याओं को सुलझाने में प्रशासक स्थाई रूप से भाग लेने लगे हैं। अतः यह आवश्यक है कि सभी प्रशासक निर्णय प्रक्रिया से बेहतर ढंग से परिचित हों। साथ ही उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि समस्या समाधान में मूल्यों एवं तथ्यों की भूमिका क्या हो सकती है। लोक सेवाएं वैध सत्ता पर आधारित हैं जिन्हें कार्यों के संपादन हेतु समुचित अधिकार, आवश्यक सुरक्षा तथा पर्याप्त सुविधा प्रदान की गई है। अतः इन सेवाओं में कार्यरत लोकसेवकों के उत्तरदायित्व भी सुनिश्चित होने चाहिए।
लोक सेवकों को उनके कार्यों एवं व्यावसायिक संहिता सम्बन्धी दिशानिर्देशन लोकसेवा मूल्यों के संतुलित ढांचे द्वारा दिया जाना चाहिए


लोकतान्त्रिक मूल्य -


  • लोक सेवकों द्वारा मंत्रियों को निष्पक्ष एवं ईमानदारीपूर्वक परामर्श देना।
  • लोक सेवकों द्वारा मंत्रिमंडलीय निर्णय का ईमानदारीपूर्वक लागु करवाना।
  • लोक सेवकों द्वारा वैयक्तिक एवं सामूहिक दोनों प्रकार के मंत्रिमंडलीय उत्तरदायित्वों का समर्थन करना।


व्यावसायिक मूल्य -


  • लोक सेवकों द्वारा अपने कार्यों का निष्पादन कानून के दायरे में ही करना।
  • राजनीति से तटस्थ बने रहें।
  • सार्वजनिक धन का सही, प्रभावी व दक्षतापूर्ण प्रयोग सुनिश्चित करें।
  • सरकार में पारदर्शिता के मूल्यों का समावेश करें तथा उचित प्रयास करें।

नैतिक मूल्य -

  • लोक सेवकों को अपने सभी कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।
  • लोक सेवक अपने सभी कर्तव्यों तथा उत्तरदायित्वों को निष्ठापूर्वक निभाएं।
  • लोक सेवकों द्वारा लिया जाने वाला प्रत्येक निर्णय सार्वजनिक हित में हो।

सार्वजनिक मूल्य -

  • लोक सेवा में नियुक्ति सम्बन्धी निर्णय योग्यता के आधार पर लिए जाने चाहिए।
  • लोक सेवा संगठनों में सहभागिता, पारदर्शिता एवं संचार व्याप्त होना चाहिए।


प्रशासनिक नीतिशास्त्र

सामान्यतः नीतिशास्त्र का तात्पर्य उन नैतिक मूल्यों से है जो लोगों के व्यवहार को निर्देशित एवं संस्कृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब इन नैतिक मूल्यों की प्रशासन के सन्दर्भ में परिचर्चा की जाती है तो यह "प्रशासनिक नीतिशास्त्र" कहलाता है। आधुनिक लोकसेवाएं एक पेशे का रूप धारण कर चुकी हैं, अतः प्रशासनिक नीतिशास्त्र की मांग उठने लगी है। जर्मनी वह प्रथम देश है जहाँ लोक सेवाओं का पेशेवर रूप विकसित हुआ और लोकसेवकों के लिए पेशेवर आचार संहिता विकसित हुई। वहीं अमेरिकन लोक प्रशासन में नैतिकता के प्रारम्भ को वहां प्रचलित "लूट पद्धति" (Spoil System ) के सन्दर्भ में जोड़ा जा सकता है, जब इस पद्धति से तंग आकर एक अमेरिकन युवक ने वर्ष 1881 में तत्कालीन अमेरिकन राष्ट्रपति गारफील्ड की हत्या कर दी थी।




लोक प्रशासन के शॉर्ट प्रश्नसमुच्चय--०१


  1. भारतीय लोक प्रशासन संस्थान कहाँ स्थित है ?

(c) नई दिल्ली🎯

2. लोक प्रशासन के अध्ययन का परिचय’ नामक पुस्तक के लेखक है-
(b) एल. डी. व्हाईट ने🎯


3 लोक प्रशासन मूलतः मानवीय सहयोग से सम्बंधित है”-यह कथन है-
(a) वाल्डो का🎯

4. हेनरी फेयोल के अनुसार प्रशासन की प्रधान श्रेणियाँ है-
1.नियोजन
2.संगठन
3.आदेश
4.समन्वय और नियंत्रण
कूट:-
(a) 1, 2 और 3
(b) 2, 3 और 4
(c) 1, 2, 3 और 4🎯
(d) 2 और 3

5. “प्रशासन का वास्तविक सार वह मूल सेवा है जो जनसाधारण के लिए की जाती है।” यह कथन है-
(c) नीग्रो🎯

6. लोक प्रशासन की विशेषताओं के सम्बन्ध में असत्य कथन का चयन कीजिए-

(d) लोक प्रशासन सामाजिक है।🎯

7. लोक प्रशासन में “वे गतिविधियाँ आती हैं जिनका प्रयोजन सार्वजनिक नीति को पूरा करना अथवा क्रियान्वित करना होता है।”-यह कथन है-
(a) व्हाइट🎯

8. कानून को क्रियात्मक रूप प्रदान करने के लिये सरकार जो कार्य करती है, वही प्रशासन है।” -यह कथन है-
(a) हार्वे वाकर🎯

9. नवीन लोक प्रशासन की प्रमुख विशेषता थी ?
1. प्रासंगिकता
2. मूल्य
3. सामाजिक समता
4. परिवर्तन
5. राजनीति-प्रशासन द्विभाजन पर बल
कूट:-
(a) 1,2 और 4
(b) 2,3 और 5
(c) उपर्युक्त सभी
(d) 1,2,3 और 4🎯

10. लोकप्रशासन सरकार के कार्यों से संबंधित होता है, चाहे वे केन्द्र द्वारा सम्पादित हों अथवा स्थानीय निकाय द्वारा।” यह कथन है-
(a) पर्सीमेक्वीन🎯
(b) विल्सन
(c) गुलिक
(d) डिमॉक

11. निम्नलिखित विषय लोक प्रशासन के किस चरण से संबंधित है-
【1】 लोक प्रशासन के अध्ययन क्षेत्र तथा कार्यक्षेत्र के संबंध में उत्पन्न समस्याओं का नवीन रूप में समाधान।
【2】 विकासशील देशों के अनुकूल प्रशासन को विकसित करने का प्रयास
(ब) चतुर्थ चरण🎯


12. लोक प्रशासन के चतुर्थ चरण को प्रायः याद किया जाता है-
【1】 विध्वंसकारी काल
【2】 अंधकार युग
【3】 संदेह के बादल
【4】 पहचान की संकटावस्था
निम्न में से चतुर्थ चरण के संबंध में सत्य है-
(अ) 1 और 3
(ब) 3 और 4
(स) 2 और 4🎯
(द) उपर्युक्त सभी

13. सल्तनतकालीन प्रशासन राजस्व विभाग किस नाम से जाना जाता था?_
(ब) दीवान-ए-विजारत🎯

14. सल्तनतकाल में विदेश विभाग किस नाम से जाना जाता था?
(ब) दीवान-ए-रसालत🎯

15. मुगलकाल में ‘मीरबख्शी’ होता था-
(ब) सैन्य विभाग का अध्यक्ष🎯

16. भारत में मनसबदारी व्यवस्था का जनक माना जाता है-
(ब) अकबर🎯

17. मद्रास में प्रथम नगर निगम की स्थापना कब हुई ?

(ब) 1687🎯

18. मुगल काल में परगने में राजस्व विभाग का अधिकारी किस नाम से जाना जाता था ?
(ब) कानूनगो🎯

19. प्रांतों में उच्च न्यायालयों का गठन कब हुआ ?

(स) 1861🎯

20. गुप्तकाल में राजस्व एकत्र करने वाला अधिकारी कहलाता था-_
(द) ध्रुवाधिकरणीक🎯

21. मौर्यकाल में प्रशासन कितने विभागों बंटा हुआ था ?
(स) 18🎯

22. लोक प्रशासन है-
(a) विशिष्ट राजनीति व्यवस्था का आवश्यक भाग🎯

23. लोक प्रशासन सार्वजानिक नीतियों को लागू करने का कार्य करता है”- यह दी है-

(b) एल. डी. व्हाईट ने🎯


24. लोक प्रशासन की उपस्थिति दर्ज होती है ?
(c) उपर्युक्त दोनों🎯


25. हायरार्की’ का तात्पर्य है-
(a) निम्नतर पर उच्चतर का शासन🎯


26. लोक प्रशासन में ‘लोक’ शब्द से अभिप्राय है-
(d) सरकार से🎯

27. “26.लोक प्रशासन एक दोधारी औजार है, जैसे कैंची की दो धारें।”-लेविस मेरियम के उक्त कथन में ‘दो धारें’ से तात्पर्य है-
(a) पॉस्डकोर्ब सम्बन्धी ज्ञान तथा विषयवस्तु का ज्ञान🎯


28. प्रशासन(Administration) शब्द की उत्पति किस भाषा से हुई है ?
(b) लैटिन🎯

29. प्रशासन और लोक प्रशासन में मूलभूत अन्तर है-
(a) राजनितिक सन्दर्भ का🎯

30. लोक प्रशासन में ‘पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण’ के प्रतिपादक है-
(c) लूथर गुलिक🎯

31. पोस्डकोर्ब’ में ‘ओ'(O) का क्रियात्मक अर्थ है-
(b) संगठित करना🎯

32. लोक प्रशासन का प्रमुख उद्देश्य है-
(c) जन कल्याण🎯

33. लोक प्रशासन सार्वजानिक नीतियों को लागू करने का कार्य करता है”- यह दी है-

(b) एल. डी. व्हाईट ने🎯


34. लोक प्रशासन की उपस्थिति दर्ज होती है ?
(c) उपर्युक्त दोनों🎯


35. हायरार्की’ का तात्पर्य है-
(a) निम्नतर पर उच्चतर का शासन🎯


36. लोक प्रशासन में ‘लोक’ शब्द से अभिप्राय है-
(d) सरकार से🎯

37. “26.लोक प्रशासन एक दोधारी औजार है, जैसे कैंची की दो धारें।”-लेविस मेरियम के उक्त कथन में ‘दो धारें’ से तात्पर्य है-
(a) पॉस्डकोर्ब सम्बन्धी ज्ञान तथा विषयवस्तु का ज्ञान🎯


38. प्रशासन(Administration) शब्द की उत्पति किस भाषा से हुई है ?*
(b) लैटिन🎯

39. प्रशासन और लोक प्रशासन में मूलभूत अन्तर है-
(a) राजनितिक सन्दर्भ का🎯


40. लोक प्रशासन में ‘पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण’ के प्रतिपादक है-
(c) लूथर गुलिक🎯


41. पोस्डकोर्ब’ में ‘ओ'(O) का क्रियात्मक अर्थ है-
(b) संगठित करना🎯


42. लोक प्रशासन का प्रमुख उद्देश्य है-
(c) जन कल्याण🎯

43. लोक प्रशासन के चतुर्थ चरण की समयावधि है?
(ब) 1948-1970🎯

44. सिद्धान्तों का स्वर्णकाल?
(ब) द्वितीय चरण🎯

45. कार्योन्मुखी दृष्टिकोण के साथ लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश।’ लोक प्रशासन के किस चरण की मूल विषय वस्तु थी ?_
(द) पञ्चम चरण🎯

46. लोक प्रशासन के पञ्चम चरण की समयावधि है
(द) 1971-1990🎯

47. लोक प्रशासन के पिता?
(ब) हेवुडरो विल्सन🎯


48. नवीन लोक प्रबन्ध’ शब्द को सर्वप्रथम 1990 में किसने गढ़ा ?
(ब) क्रिस्टोफर हुड🎯

49. मौर्यकाल में प्रशासन की सबसे छोटी इकाई थी?
(ब) ग्राम🎯

50. गुप्तकाल में राजपद था?
(स) वंशानुगत🎯


51. गुप्त साम्राज्य का सबसे बड़ा अधिकारी ,जो राजा द्वारा केंद्रीय प्रांतों में नियुक्त किया जाता था। वह था?
(स) कुमारामात्य🎯


52. गुप्तकाल में ‘विनयस्थितिस्थापक’ होता था-
(स) धार्मिक मामलों का अधिकारी🎯


53. चोल प्रशासन में ‘उदनकुट्टम’ क्या था ?
(द) उच्च पदाधिकारियों की कार्यकारिणी🎯

54. किसके मतानुसार, “प्रशासन का कार्यवास्तव में सरकार के व्यवस्थापिका अंग द्वारा घोषित और न्यायपालिका द्वारा निर्मित कानून को प्रशासित करने से सम्बद्ध है।” यह कथन है-
(c) विलोबी🎯

55. एक विषय के रूप में लोक प्रशासन को कितने चरणों में विभाजित किया जा सकता है –
(स) 6🎯

56. लोक प्रशासन के प्रथम चरण की समयावधि है-
(अ) 1887-1926🎯


57. द्वितीय चरण को प्रायः याद किया जाता है –
【1】 रुढिवादी काल
【2】 मूल्य शून्यता काल
【3】 राजनीति प्रशासन द्वैतभाव
【4】 यांत्रिक दृष्टिकोण काल
【5】 शास्त्रीय दृष्टिकोण का काल
निम्न में असत्य है-
(अ) 1 और 5
(ब) केवल 3🎯
(स) केवल 4
(द) 2 और 5

58. 'PRINCIPAL OF PUBLIC ADMINISTRATION’ इस पुस्तक के प्रकाशन के साथ ही द्वितीय चरण का प्रारम्भ हुआ। इस पुस्तक का प्रकाशन कब हुआ ?
(ब) 1927🎯

59. लोक प्रशासन के तृतीय चरण की समयावधि है-
(स) 1938-1947🎯

60. "अगर कोई विचारधारा है तो निर्णय निर्माण ही प्रशासन का मर्म है और प्रशासनिक विचारधारा की शब्दावली मानव चयन के तर्क और मनोविज्ञान से निकाली जानी चाहिए।" तृतीय चरण से संबंधित यह कथन किस विद्वान का है ?_
(अ) साइमन🎯

61. लोक प्रशासन के किस चरण को ‘अंधकार युग’ के रूप में याद किया जाता है ?
(b) चतुर्थ🎯

62. 'पोस्डकोर्ब' में ‘आर' (R) का क्रियात्मक अर्थ है-
(c) रिपोर्ट देना🎯

63. लोक प्रशासन कभी विज्ञान नहीं बन सकता।”यह विचार किस विद्वान का है ?*
(b) फाइनर🎯

64. प्रशासन अब एक इतना विशाल क्षेत्र है कि प्रशासन का दर्शन जीवन का दर्शन बनाने के करीब आ गया है।” यह कथन है -
(ब) एम. ई.डिमॉक🎯


65. “राज्य हर जगह है, यह शायद ही कोई खाली सी जगह छोड़ता है।” यह कथन है -
(स) एच. फाइनर🎯


66. "प्रशासन सरकार का आधार है। कोई भी सरकार प्रशासन के बिना कायम नहीं रह सकती। प्रशासन के बिना अगर यह अस्तित्व में रह भी पाती है तो यह एक विचार-विमर्श बन जाएगी।” यह कथन है -
(द) पॉल. एच. एपलबी🎯

67. मैक्स वेबर के अनुसार ‘प्रशासन’ का अर्थ है-
(ब) प्रभुत्व🎯

68. लोक प्रशासन के अंतर्गत ‘लोक’ का विशिष्ट अर्थ है
(ब) सरकारी🎯

69. लोक प्रशासन उन सभी कार्यों को कहते हैं जिनका उद्देश्य उपयुक्त सत्ता के द्वारा घोषित की गई नीति को लागू करना या पूरा करना होता है।” यह कथन है -
(ब) एल.डी. व्हाइट🎯

70. ”सरलतम शब्दों में कहा जा सकता है कि प्रशासन एक चेतनापूर्ण ध्येय की सिद्धि के लिए किया जाने वाला नियोजित कार्य है।” यह कथन है -
(स) जैड. ए. वीग🎯

71. "वांछित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मानवीय व भौतिक संसाधनों के संगठन और संचालन को प्रशासन कहते हैं।” यह परिभाषा दी है –
(द) पिफनर🎯

72. 'Administration’ लैटिन भाषा के दो शब्दों ad + ministare से मिलकर बना है जिसका अर्थ है -
(ब) काम करवाना🎯


73. सामान्य प्रयोग में प्रशासन शब्द का अर्थ है -
【1】 मंत्रिमंडल अथवा कोई अन्य सर्वोच्च कार्यकारिणी
【2】 ज्ञान की एक शाखा अथवा शैक्षिक विद्या का नाम
【3】 सार्वजनिक नीति या नीतियों को लागू करने के लिए की जा रही सभी क्रियाएं
【4】 प्रबंधन की कला
निम्न में से सत्य कूट है

(अ) 1,2 और 3
(ब) 1, 2, 3 और 4🎯
(स) 2 और 3
(द) 2, 3 और 4

74. "कानून को विस्तृत एवं क्रमबद्ध रूप से क्रियान्वित करने का नाम ही लोक प्रशासन है। कानून को क्रियान्वित करने की प्रत्येक क्रिया एक प्रशासकीय क्रिया है।" यह परिभाषा दी है -
(अ) वुडरो विल्सन🎯

75. "प्रशासन का वास्तविक सार वह मूल सेवा है जो जनसाधारण के लिए की जाती है।" यह परिभाषा है -_
(द) नीग्रो🎯

76. प्रशासन का संबंध कार्यों को करवाने से, निश्चित उद्देश्य की पूर्ति करने से है।” यह कथन है -_
(ब) लुथर 🎯


77. हेनरी फेयोल के अनुसार प्रशासन की पांच प्रधान श्रेणियां है, उनमें शामिल नहीं है -
【1】 नियोजन
【2】 संगठन
【3】 आदेश
【4】 समन्वय
【5】 नियंत्रण
कूट :-
(अ) 2 और 3
(ब) केवल 2
(स) 2, 4 और 5
(द) उपर्युक्त सभी शामिल है।🎯

78. "यदि हमारी सभ्यता असफल रहती है तो वह मुख्यतः शासन की असफलता के कारण होगी।" यह कथन है -
(अ) डब्ल्यू. बी. डानहम🎯

79. लोकप्रशासन अभी विज्ञान नहीं है ,किंतु विज्ञान बन जाएगा।” इस मान्यता के प्रति आश्वस्त है -
(अ) फिफनर🎯

80. लोक प्रशासन को कला मानने वाले विद्वान हैं -
(स) उपर्युक्त दोनों🎯

81. 'POSDCORB’ में {O} का क्रियात्मक अर्थ है -
(स) संगठित करना🎯

82. प्रशासन का ‘प्रबंधकीय दृष्टिकोण’ यह मानता है कि-
(ब) शासन में केवल उच्च प्रबंधकीय पदाधिकारी सम्मिलित है।🎯

83. प्रशासन के ‘एकीकृत दृष्टिकोण’ की मान्यता है कि -
(स) प्रशासन में सभी कार्मिक सम्मिलित है।🎯

84. लोक प्रशासन में ‘POSDCORB’ दृष्टिकोण के प्रतिपादक है -
(स) लूथर गुलिक🎯

85. 'POSDCORB’ में {P} का अर्थ है -
(अ) PLANNING🎯

86. लोक प्रशासन में समावेश है -
(द) उपरोक्त सभी🎯

87. किस दृष्टिकोण को लोक कल्याणकारी एवं आदर्शवादी दृष्टिकोण भी कहा जाता है -
(स) आधुनिक दृष्टिकोण को🎯

88. लोक प्रशासन कभी विज्ञान नहीं बन सकता।” यह विचार किस विद्वान का है ?
(ब) फाईनर🎯

89. भारत प्रशासनिक सुधार आयोग के अनुसार राज्य सचिवालय कौनसे विभाग के मुख्य सचिव के अधीन होना चाहिए ?
उतर : कार्मिक विभाग

90. जिलाधीश के पद के बारे में निम्न में से कौनसी बाते सही हैं ?
a) इसको वारेन हेस्टिंग्स ने सृजित किया था
b) यह मुगलों के करोड़ी – फौजदार का उत्तराधिकारी हैं
c) दोनों सही हैं
d) दोनों गलत हैं
उत्तर : दोनों सही है

91. छावनी बोर्डों के बारे में निम्न में से कौनसी बात सही नहीं हैं ?
उत्तर : इसका गठन कार्यकारी प्रस्ताव द्वारा किया जाता हैं

92. भारतीय लोक प्रशासनिक संस्थान की स्थापना निम्न में से किसकी सिफारिस पर की गई हैं ?
उत्तर : एपलबी रिपोर्ट

93. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के संबंध में निम्न में से कौन-से कथन सही हैं ?
a)वह केवल संसद के प्रति उत्तरदायी होता हैं
b) उसकी सेवा शर्ते भारत सरकार के सचिव के समतुल्य हैं
c)वह किसी कर की निवल प्राप्तियों को प्रमाणित करता हैं
d) उपयुक्त सभी
उत्तर : उपयुक्त सभी

94. मंत्रिमंडल सचिवालय के अंग के रूप में जन-शिकायत निदेशालय की स्थापना किस वर्ष में हुई थी ?
उत्तर : 1988

95. अधिकांश राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा निम्न में से किसकी सलाह पर की जाती हैं ?
a) विधानसभा के विरोधी दल के नेता
b) राज्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
c) विधान परिषद् में विपक्ष का नेता
d) उपरोक्त सभी
उत्तर : उपरोक्त सभी

96. लोक सभा में पहला लोकपाल विधेयक कब रखा गया था ?
उत्तर : 1968

97. निम्न में से कौनसा कार्य केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा किया गया हैं ?
उत्तर : संथानम समिति के प्रस्ताव

98. निम्नलिखित मे से किन वर्गों के मामलों में न्यायपालिका प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप कर सकती हैं ?
a) तथ्यों की खोज में गलती
b) कार्यविधि में गलती
c) विवेकाधिकार का दुरुपयोग
d) उपरोक्त सभी
उत्तर : उपरोक्त सभी

99. प्रशासनिक मंत्रालयों द्वारा तैयार बजटीय आकलनों पर वित्त मंत्रालय की संवीक्षा के लिए सही कथन का चयन करें ?
a) यह मुख्यतया मितव्ययता और धन की उपलब्धता के दृष्टिकोण से की जाती हैं
b) स्थायी प्रभारों के संबंध में यह नाममात्र को होती हैं
c) नई मदों को लेकर यह अधिक विस्तृत होती हैं
d) उपरोक्त सभी
उत्तर : उपरोक्त सभी

100. एकीकृत वित्तीय सलाहकार के संबंध में निम्न में से कौनसा कथन गलत हैं ?
उत्तर : यह उप-सचिव की श्रेणी का होता हैं

101. निम्न में से राष्ट्रीय विकास परिषद् का कार्य क्या हैं ?
a) योजना के लिए संसाधनों का आकलन करना
b) राष्ट्रीय योजना पर विचार करना
C) राष्ट्रीय योजना की समीक्षा करना
d) उपरोक्त सभी
उत्तर : उपरोक्त सभी

102. राज्य सरकार के मुख्य सचिव का कार्य कौनसा नहीं हैं ?
उत्तर : राज्य सिविल सेवकों के प्रोत्साहन का अनिमोदन करना

103.  निम्न में से किस राज्य के नगर निगमों में एकीकृत कार्मिक व्यवस्था लागू हैं ?
उत्तर : आंध्रप्रदेश

104. 73वें संविधान संशोधन ने संवैधानिक अनुमोदन का प्रावधान किया है॥ निम्न में से सही कथन हैं ?
a) पंचायत की त्रि-स्तरीय संरचना के लिए
b) महिलाओं के लिए आरक्षण व्यवस्था के लिए
c) Aऔर B गलत कथन हैं
d) Aऔर B सही कथन हैं
उत्तर : A और B सही कथन हैं

105. 73वें संविधान संशोधन की महत्वपूर्ण विशेषताओं के संदर्भ में सही कथन हैं ?
a) सभी स्तरों पर सदस्यों का सीधा निर्वाचन
b) निर्वाचन कराने का आदेशात्मक प्रावधान
c) मध्यवर्ती एवं जिला स्तर पर सभापति का अप्रत्यक्ष निर्वाचन
d) उपरोक्त सभी
उत्तर : उपरोक्त सभी

106. प्रधानमंत्री कार्यालय/सचिवालय के संबंध में निम्न में से कौनसे कथन सही हैं ?
उत्तर : इससे संबद्ध या इसके अधीन कोई कार्यालय नहीं हैं

107. निम्न में से किन निगमों की लेखा परीक्षा पेशेवर लेखा परीक्षकों द्वारा की जाती हैं परन्तु (CAG) को इनकी संपूरक लेखा परीक्षा करने का अधिकार हैं ?
a) औद्योगिक वित्त निगम
b) केन्द्रीय भंडारण निगम
c) दोनों सही हैं
d) दोनों गलत हैं
उत्तर : दोनों सही हैं

108. निम्न में से कौन-सा सांविधिक निकाय नहीं हैं ?
उत्तर : तुंगभद्रा परियोजना बोर्ड

109. बजट अनुमान तैयार करने में संबंधित विभाग हैं ?
a) वित्त मंत्रालय
b) प्रशासकीय मंत्रालय
c) योजना आयोग
d) उपरोक्त सभी
उत्तर : उपरोक्त सभी

110. कौनसा कार्य संघ लोक सेवा आयोग का नहीं हैं ?
उत्तर : सेवाओं का वर्गीकरण

111. लोक प्रशासन में नागरिक समाज की भूमिका किस रूप में परिलक्षित होती हैं ?
उत्तर : गैर-सरकारी संगठन

112. भारत सरकार के केन्द्रीय सचिवालय में सम्मिलित हैं ?
a) राष्ट्रपति सचिवालय, लोक सभा सचिवालय व मंत्रिमंडल सचिवालय
b) लोक सभा सचिवालय व राज्य सभा सचिवालय
c) भारत सरकार के सभी मंत्रालय व विभाग (सरकार के सचिवों सहित)
d) उपरोक्त सभी
उत्तर : भारत सरकार के सभी मंत्रालय व विभाग (सरकार के सचिवों सहित)

113. जिले में राज्य सरकार का एकमात्र प्रतिनिधि हैं ?
उत्तर : जिलाधीश

114. ”केन्द्रीय सचिवालय” के लिए सही कथन हैं ?
a) एक कार्मिक अभिकरण ( स्टाफ एजेंसी ) हैं
b) प्रधानमंत्री के निर्देशों के अंतर्गत कार्य करता हैं
c) दोनों कथन सही हैं
d) दोनों कथन गलत हैं
उत्तर : दोनों कथन सही हैं

115. ”भारत नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक उत्तरदायी हैं” के लिए सही कथन हैं ?
a) केन्द्रीय सरकार के लेखों के लेखा-परीक्षण का
b) राज्य सरकारों के लेखों के लेखा-परीक्षण का
c) केन्द्रशासित प्रदेशों की सरकार के लेखों के लेखा-परीक्षण का
d) उपरोक्त सभी
उत्तर : उपरोक्त सभी

116. सार्वजनिक उपक्रम समिति क्या हैं, सही कथन का चयन करें ?(
a) 22 सदस्यीय हैं
b) संसद द्वारा रचित हैं
c) दोनों कथन गलत हैं
d) दोनों कथन सही है
उत्तर : दोनों कथन सही है

117. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठनबंधन की मंत्री परिषद में शामिल होते हैं ?
a) राज्य मंत्री
b) केन्दीय मंत्री
c) उपमंत्री
d) A और B सही हैं
उत्तर : A और B सही हैं

118. निम्न में से कौन-सा लेखा-परीक्षण के बारे में सही कथन नहीं हैं ?
उत्तर : यह खर्च के औचित्य का परीक्षण करता हैं


119. निम्न में से कौन-सा राज्य सचिवालय का विभाग नहीं हैं ?
उत्तर : राजस्व

120. भारतीय संसद के बजट संबंधी अधिकार संविधान के किस अनुच्छेद मे लिखित हैं ?
उत्तर : अनुच्छेद – 112-117

121. राजकोषीय नीति का उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर : आर्थिक विकास की गति तेज करना

122. राजकोषीय घाटा क्या दर्शाता हैं ?
उत्तर : अपने संपूर्ण व्यय के लिए सरकार द्वारा उधार ली जाने वाली पूंजी की अवश्यकता

123. शासकीय उधारी का कितना अंश ब्याज लौटाने के अलावा अन्य खर्चा पूरा करने पर हो रहा होंं ?
उत्तर : प्राथमिक घाटा

124. निम्न में से किस राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए न्यायिक योग्यता आवश्यक हैं ?
उत्तर : आंध्रप्रदेश

125. ”विधि के प्राधिकार के बिना कोई कर नहीं लगाया या वसूला जाएगा” भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में यह प्रावधान किया गया हैं ?
उत्तर : अनुच्छेद – 265

126. नियमित बजट पारित होने से पूर्व आगामी वित्त वर्ष के कुछ भाग के लिए अनुमानित व्यय की संसद द्वारा व्यवस्था क्या कहलाती हैं ?
उत्तर : लेखा अनुदान

127. न्यायिक नियंत्रण का मूल उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर : आपराधियों को दंड देना

128. महाराष्ट्र में लोकायुक्त संस्था की स्थापना किस वर्ष हुई थी ?
उत्तर : 1971

129. प्रशासन पर न्यायिक नियंत्रण के संदर्भ में , कुप्राधिकार से आशय हैं ?
उत्तर : अधिकार का दुरुपयोग

130. शून्य काल के बारे में सही वक्तव्यों में कौन-से शामिल नहीं हैं ?
उत्तर : वैधानिक अपील

131. निम्न में से कौनसा सही मेल नहीं हैं ?
उत्तर : विशेष पुलिस अवस्थापन – 1942

132. प्रशासन पर नागरिक नियंत्रण का सबसे कारगर उपाय क्या हैं ?
उत्तर : जनमत

133. संथानम समिति की स्थापना कब हुई थी ?
उत्तर : 1962

134. प्रशासन पर कार्यपालिका के नियंत्रक का सबसे कम प्रभावी उपाय हैं ?
उत्तर : जनमत के लिए अपील

135. संसद में लोकपाल विधेयक निम्न में से किस वर्ष में प्रस्तुत नहीं हुआ था ?
उत्तर : 1985

136. न्यायिक नियंत्रण का मुख्य उद्देश्य निम्न में से कौन-सा हैं ?
उत्तर : नागरिक अधिकार और स्वतंत्रताओं की रक्षा करना

137. जिला प्रशासन के विकासात्मक अभिमुखीकरण की दृष्टि से जिलाधीश की प्रमुख भूमिका मानी जाए ?
उत्तर : एक समन्वयक के रूप में

138. भारत में ऑम्बु्समैन प्रकार की संस्था की स्थापना के लिए सबसे पहले सिफारिस किस समिति ने के थी ?
उत्तर : संथानम समिति

139. निम्न में से कौनसी संसदीय समिति का अध्यक्ष निरपवाद तौर पर शासक दल का होता हैं ?
उत्तर : आकलन समिति

140. सांसदों को प्राप्त निम्नलिखित में से वह कौन-सा उपाय है जो विधिवत रूप से निर्धारत नहीं ?
उत्तर : शून्य काल

141. लोक प्रशासन पर कार्यपालिका के नियंत्रण का निम्न में से कौन-सा उपकरण नहीं हैं ?
उत्तर : कार्यक्षेत्र एजेंसियां

142. प्रशासन पर न्यायिक नियंत्रण किस सिद्धांत से निकलता हैं ?
उत्तर : कानून का शासन

143. निम्न में कौन-सा आपस में मेल नहीं खाता ?
उत्तर : संसदीय आयुक्त – 1969

144. सार्वजनिक उपक्रम समिति का गठन किसकी सिफारिस पर किया गया था ?
उत्तर : कृष्ण मेनन समिति

145. केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना निम्न में से किसको सिफारिस पर की गई हैं ?
उत्तर : संथानम समिति

146. लोकायुक्त की संस्था सर्वप्रथम किस राज्य ने गठित की थी ?
उत्तर : महाराष्ट्र

147. लोक सेवकों की हड़ताल पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिस निम्न में से किसने की थी ?
उत्तर : प्रशासनिक सुधार आयोग

148. भारत में व्हिटले परिषद् की शुरुआत पहले -पहले किसकी सिफारिस पर की गई थी ?
उत्तर : पहला वेतन आयोग

149. केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की संयुक्त सलाहकार समिति की स्थापना किस वर्ष की गई थी ?
उत्तर : 1966

150. निम्न में से किसका मेल सही नहीं हैं ?
उत्तर : दूसरा वेतन आयोग – 1958

151. इनमें से कौनसा बेमेल हैं ?
उत्तर : रेलवे सेवा (आचरण ) नियम – 1958

152. निम्न में से कौन-सा सिद्धांत मंत्रीय उत्तरदायित्व सिद्धांत का प्रतिरूप हैं ?
उत्तर : अनामिकता

153. निम्न में से कौन-सा सिद्धांत मंत्रीय उत्तरदायित्व सिद्धांत का प्रतिरूप हैं ?
उत्तर : अनामिकता

154. भारतीय संविधान की कौन-सी धारा भारत के राज्य की वाद योग्यता पर विचार करती हैं ?
उत्तर : धारा 300

155. ”सत्ता सौंपने के मामले विरोध पक्ष का मुख्य गढ़ संसद हैं जिसकी आवश्यकता भारतीय प्रशासन की सबसे बड़ी कमी हैं |” यह कथन किसका हैं ?
उत्तर : एप्पलबी रिपोर्ट

156. ग्रेट-ब्रिटेन में संसदीय प्रशासन आयुक्त किस वर्ष में नियुक्त किया गया था ?
उत्तर : 1967

157. भारत के प्रशासनिक स्टाफ़ कॉलेज की स्थापना किसकी सिफारिस पर की गई थी ?
उत्तर : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्


158. भर्ती में संघ लोक सेवा आयोग का अंतिम कार्य कौनसा हैं ?
उत्तर : प्रमाणीकरण

159. ब्रिटेन के लोक सेवा मध्यस्थता प्राधिकरण के नमूने पर भारत में मध्यस्थता बोर्ड की स्थापना किसके प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत की गई थी ?
उत्तर : श्रम मंत्रालय

160. संयुक्त सलाहकार समिति की राष्ट्रीय परिषद् का अध्यक्ष हैं ?
उत्तर : मंत्रिमंडल सचिव

161. भारत में लोक सेवाओं के वर्गीकरण का निर्धारण किससे होता हैं ?
उत्तर : लोक सेवा नियम, 1930

162. भारतीय पुलिस सेवा में नियुक्ति लोगों की सेवा -शर्ते किस अधिनियन के अधीन हैं ?
उत्तर : अखिल भारतीय सेवा अधिनियम , 1951

163. भारत में लोक सेवकों के आचरण नियमों का समुच निम्न में से किसमें नहीं हैं ?
उत्तर : प्रतिरक्षा सेवा (आचरण ) नियम , 1950

164. लोक सेवकों को दिए जाने वाले प्रमुख दंड कौनसे हैं ?
a) सेवा से हटाना
b) अनिवार्य सेवानिवृति
c) पदावनति करना
d) उपयुक्त सभी
उत्तर : उपयुक्त सभी

165. कौनसी धारा लोक सेवकों के लिए संवैधानिक रक्षापाय सुनिश्चित करती हैं ?
उत्तर : धारा 311

166. भारतीय वन सेना के कर्मचारियों के विरुद्ध आनुशासनिक कार्यवाही करनी का प्राधिकारी कौन हैं ?
उत्तर : भारत का राष्ट्रपति


 167. भारत में उच्चतर लोक सेवाओं में भर्ती की वर्तमान प्रणाली निम्नलिखित में से किस समिति /आयोग की सिफारिस पर आधारित हैं ?
a) सतीशचंद्रा समिति
b) कोठारी समिति
c) एचीशन आयोग
d) उपर्युक्त सभी
उत्तर : उपर्युक्त सभी

168. भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीनों के प्रशिक्षण की सम्पूर्ण अवधी कितनी होती हैं ?
उत्तर : 24 माह

169. निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही नहीं हैं
उत्तर : कोठारी समिति की सिफारिशें वर्ष 1977 में स्वीकार की गई थी

170. संघ लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार अभ्यार्थियों की योग्यता क्रम सूची में से अभ्यर्थियों को चुनने का पहला अवसर किसको मिलता हैं ?
उत्तर : विदेश मंत्रालय

171. संयुक्त लोक सेवा आयोग का गठन किसके द्वारा किया जा सकता हैं ?
उत्तर : संसदीय अधिनियम

172. निम्नलिखित में से किस कार्य से संयुक्त लोक सेवा आयोग का संबंध नहीं हैं ?
a) प्रशिक्षण
b) सेवाओं का वर्गीकरण
c) तैनाती
उत्तर : उपरोक्त सभी


173. निम्नलिखित में से किस सेवा के परिवीक्षाधीन अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं के परिवीक्षाधीनों के लिए मसूरी में आयोजित संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हैं ?
उत्तर : केंद्रीय सचिवालय सेवा

174. निम्नलिखित में से किन लोक सेवाओं का उल्लेख संविधान में नहीं हैं ?
a) अखिल भारतीय न्यायिक सेवा
b) भारतीय प्रशानिक सेवा
c) भारतीय पुलिस सेवा
d) उपयुक्त सभी
उत्तर : उपयुक्त सभी

175. निम्नलिखित में से कौन-सी केन्द्रीय सेवा नहीं हैं ?
उतर : सहकरिता सेवा

176. भारत में संयुक्त सलाहकार परिषद की स्थापना किसकी सिफारिश पर की गई थी ?
उत्तर : दूसरा वेतन आयोग

177. 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों या आश्रितों को शिक्षा के अवसर उपलब्ध के नियम किस संविधान संशोधन के तहत जोड़ा गया?
उत्तर : 86वें संविधान संशोधन 2002 में जोड़ा गया

178. “अखिल भारतीय सेवाओं का जनक” किसे कहा गया हैं ?
उत्तर : सरदार वल्लभ भाई पटेल

179. 1959 में राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी की स्थापना कहा पर हुई थी ?
उत्तर : मसूरी

180. नई योजना के अधीन प्रांरम्भिक परीक्षा पहली बार किस वर्ष हुई थी ?
उत्तर : 1979

181. अखिल भारतीय सेवा के सदस्यों की सेवा-शर्तों का निर्धारण किसके द्वारा होता हैं ?
उत्तर : संसद

182. निम्नलिखित में से सरकारी कर्मचारियों को किस अवकाश पर वेतन नहीं दिया जाता हैं ?
उत्तर : असाधारण अवकाश

183. कर्मचारियों  को कुछ समय विश्राम करने के लिए कौन-सा अवकाश दिया जाता हैं ?
उत्तर : अर्जित अवकाश

184. कोठारी समिति का गठन किस वर्ष किया गया था ?
उत्तर : 1964

185. भारतीय लोक प्रशासन संस्थान क्या कार्य करता हैं ?
a) प्रकाशन
b) प्रशिक्षण
c) अनुसंधान
d) उपयुक्त सभी
उत्तर : उपयुक्त सभी

186. निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण कहां दिया जाता हैं ?
उत्तर : ए.एस.सी.आई



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1 comment:

  1. woow !! you are making good content. keep it up
    इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जर्मनी के देशभक्तों ने मैटरनिखके पतन का समाचार सुनकर स्थान-स्थान पर क्रान्तिकारी गतिविधियाँ प्रारम्भ कर दीं। प्रशा के सम्राट - फ्रैंकफर्ट संसद

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