Tuesday, April 2, 2019

दिव्यांगजन अधिनियम 1995 [PWD]

 Persons with Disabilities Act   1995

दिव्यांग जन अधिनियम 1995 के कार्यान्वयन हेतु योजना


योजना के उददेश्य और सार

विकलांग व्यक्ति अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु विभिन्न कार्यकलापों हेतु, विशेषकर विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक भवनों, राज्य सरकार सचिवालयों, राज्य विकलांगता आयुक्त के कार्यालय आदि में बाधामुक्त वातावरण सृजित किये जाने हेतु राज्य सरकारों और केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित संस्थानों/संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

निधियां कार्यान्वन एजेंसियों/संस्थानों को सीधे ही जारी की जाएंगी। वित्तीय सहायता अनुदान सहायता के रूप में निम्नलिखित एजेंसियों को उपलब्ध कराई जाएगी।

  • राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र
  • केन्द्रीय/राज्य विश्वविद्यालय सहित केन्द्रीय/राज्य सरकारों द्वारा स्थापित स्वायत्तशासी संगठन
  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय संस्थान/सीआरसी/डीडीआरसी/आरसी/आउटरीच केन्द्र
  • केन्द्र/राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों के स्वायत्तशासी संगठन
  • केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा स्थापित संगठन/संस्थानकेन्द्र/राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त खेलकूद निकाय तथा परिसंघ

योजना के अंतर्गत निम्न प्रकार की गतिविधियां कवर की जाती हैं-

  • निशक्त व्यक्ति अधिनियम की धारा 46 के अनुसार विकलांग व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण सरकारी भवनों (राज्य सचिवालय, अन्य महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय कार्यालयों, कलेक्ट्रेट, राज्य विश्वविद्यालय, भवनों/कैंपसों के लिए मेडिकल कॉलेजों और जिला मुखयालयों पर मुखय अस्पतालों, अन्य महत्वपूर्ण भवनों) में बाधा मुक्त वातावरण मुहैया कराना। इसमें व्हीलचेयर इस्तेमाल कर्ताओं हेतु रेंपो,  रेलों, लिफ्टों और, व्हीलचेयर इस्तेमाल कर्त्ताओं की सुगम      पहुंच टायलेट्‌स का अनुकूलन ब्रेल साइनेजिज और बोलने      वाले सिगनल्स टेकटाइल फ्लोरिंग, काजिंग कर्व कट्‌स और फुटपाथ में स्लोप्स का निर्माण, दृष्टिहीनों अथवा कम दृष्टि     वाले व्यक्तियों हेतु जेबरा क्रॉसिंग का उत्कीर्णन और     विकलांगता का उचित निशान बनाना आदि शामिल है।
  • भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निदेशकों के अनुसार, विकलांग व्यक्त्यिों द्वारा राज्य और जिला स्तर पर वैबसाइटों को सुगमय बनाना।
  • पुस्तकालयों भौतिक तथा डिजिटल दोनों और अन्य ज्ञान केन्द्रों में सुगम्यता को बढ़ाना।
  • विकलांग व्यक्तियों हेतु यूनिवर्सल आईडी की पहचान और सर्वे/जारी करना तथा विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए शिविरों का आयोजन हेतु राज्य सरकार की सहायता।
  • सीआरसी/आरसी/आउटरीच केन्द्र तथा डीडीआरसी को समर्थन देना और जब कभी भी आवश्यकता हो नएसीआरसी और डीडीआरसी की स्थापना करना।
  • जानकारी के प्रसार जागरूकता अभियान और विकलांगता मुददों पर सुग्राहीकरण कार्यक्रम, परामर्श तथा सहायता सेवाएं प्रदान करने को सुविधाजनक बनाने के लिए संसाधन केन्द्रों की स्थापना/समर्थन।
  • विकलांग बच्चों हेतु प्रि-स्कूल प्रशिक्षण, अभिभावकों को परामर्श, देखरेख प्रदाताओं को प्रशिक्षण, शिक्षण प्रशिक्षणकार्यक्रम और 0 से 5 वर्ष की आयु वाले बच्चों हेतु पूर्व निदान तथा पूर्व हस्तक्षेप से संबंधित गतिविधियां से संबंधित कार्यकलापों के लिए सहायता प्रदान करना।
  • दृष्टि बाधितों शारीरिक विकलांगों, श्रवण बाधितों, मानसिक मंदता वाले शिशुओं और युवा बच्चों को उन्हें नियमित स्कूलिंग हेतु तैयार करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने की दृष्टि से जिला मुखयालय/अन्य स्थानों जहांसरकारी मैडिकल कॉलेज है, में प्रारंभिक निदान तथा हस्तक्षेप केन्द्र स्थापित करना।
  • विकलांगता से जुड़े मुददों पर सर्वे, जांच तथा अनुसंधान करने सहित विकलांगता के क्षेत्र में अनुसंधान तथा विकास गतिविधियों को बढ़ाना।
  • विकलांग व्यक्तियों हेतु उपयुक्त आर्थिक मॉडलों के सृजन हेतु केन्द्र स्थापित करने सहित विकलांग व्यक्तियों रोजगार सुनिश्चित कराने के लिए उनके लिए कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र तथा अन्य कार्यक्रम तैयार करना।
  • संरचनात्मक सुविधाओं हेतु विकलांग व्यक्ति राज्य आयुक्त के कार्यालय हेतु राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों को अनुदान।
  • जहां समुचित सरकारें/स्थानीय प्राधीकरण की अपनी जमीन है वहां विकलांग व्यक्तियों हेतु विद्रोष मनोरंजन केन्द्र बनाना। इस संदर्भ में विकलांग व्यक्ति अधिनियम की धारा 43 (ग)  में उल्लेख किया गया है।
  • विकलांग व्यक्तियों हेतु राष्ट्रीय/राज्य स्तर पर उनके अधिकतम शारीरिक पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए खेलकूद कार्यक्रमों को समर्थन।
  • विकलांग व्यक्ति अधिनियम में निर्दिष्ट किसी अन्य गतिविधि के लिए वित्तीय सहायता देना जिसके लिए विभाग द्वारावर्तमान योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान/कवर नहीं की जा रही है।


योजना के अंतर्गत उपलब्ध सहायता की मात्रा
  • रैंप्स/लिफ्टस आदि के निर्माण के संबंध में राज्य सरकारों के प्रस्तावों हेतु सरकारी भवनों में बाधामुक्त वातावरण तैयार करने के लिए लागत का अनुमान संबंधित कार्यपालक अभियन्ता सीपीडब्लयूडी/पीडब्लयूडी द्वारा सत्यापित प्रारंभिक लागत अनुमान के आधार पर और मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर निधियों की उपलब्धता के अध्यधीन, किया जाता है।
  • विकलांग व्यक्तियों हेतु सुगम्य वैबसाईट बनाने के लिए राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, संस्थानों आदि के प्रस्तावों के लिए प्रति वैबसाईट अधिकतम सीमा 20.00 लाख रूपए है।
  • श्रवण बाधित शिशुओं तथा वयस्क बच्चों हेतु पूर्व निदान तथा हस्तक्षेप केन्द्रों की स्थापना हेतु लागत सीमा, निम्नलिखित ब्यौरे के अनुसार प्रतिव्यक्ति गैर-आवर्ती अनुदान जारी करने की सीमा 18.00 लाख रूपए है-
  1. उपकरण - 12 लाख रूपए
  2. श्रवण बाधितों हेतु ध्वनिरोधक कक्ष - 4 लाख रूपए
  3. फर्नीचर तथा अन्य विविध मदें - 2 लाख रूपए

  • कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु, विकलांग व्यक्तियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु लागत केअलावा प्रति लाभार्थी 1000/-रूपए की सीमा की दर से वजीफे दिया जाता है।
  • विकलांग व्यक्तियों हेतु राज्य आयुक्त के कार्यालय के सुदृढ़ीकरण हेतु अधिकतम सीमा 15.00 लाख रूपए है।


आवेदन कैसे करें

 केन्द्र सरकार/राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन/राष्ट्रीय संस्थान/मंत्रालय द्वारा प्राधिकृत कोई अन्य एजेंसीअपनी सिफारिशें विकलांग जन सशक्तिकरण विभाग को भेज सकती है। केन्द्र/राज्य विश्वविद्यालयों और केन्द्र/राज्य सरकारों द्वारा स्थापित/समर्थित संगठनों सहित स्वायत्तशासी संगठन अपने प्रस्ताव केन्द्र/संबंधित राज्य सरकार के माध्यम से भेज सकते है। खेलकूद निकाय/परिसंघ के प्रस्ताव केन्द्र/संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों के मंत्रालय/विभाग के अनुमोदन/अनापत्ति के साथ भेजे जाने चाहिए।


अनुदान/सहायता स्वीकृत करने की प्रक्रिया
    (i) राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों को निधियां निम्नानुसार जारी की जाती है- विकलांग जन सशक्तिकरण विभाग
    • राज्य का समाज कल्याण विभाग
      (ii) संगठनों/संस्थानों को निधियां निम्नानुसार जारी की जाती  है- विकलांग जन सशक्तिकरण विभाग

        कार्यान्वयन एजेंसियां स्त्रोत :
        सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय,भारत सरकार।


        दिव्यांग जन अधिनियम 1995 के अनुसार दिव्यांगता  के प्रकार निम्न रूप से 7 प्रकार है

        1- पूर्ण दृष्टि अक्षमता
        2- अल्प दृष्टि अक्षमता
        3- कुष्ठ निवारण
        4- श्रवण अक्षमता
        5- गामक अक्षमता
        6- मानसिक मंदता
        7- मानसिक रुग्यता

        एक्ट 2012 के अनुसार दो और जोड़े गए

        8- थैलेसिया
        9- स्लोलर्नर


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