दिव्यांग कल्याण
दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ संचालित कार्यक्रम :
1. शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं श्रवण सहायक यंत्र क्रय हेतु अनुदान योजना:
योजना के मानक व दरें :
• अभ्यर्थी को कृत्रिम अंग अथवा श्रवण सहायक यन्त्र लगाने की संस्तुति चिकित्साधिकारी द्वारा की गई हो।
• अभ्यर्थी(नाबालिग होने की स्थिति में माता-पिता की) की मासिक आय रुपये 1000.00 तक हो।
• अनुदान की राशि अधिकतम रुपये 3500.00 तक है।
2.दिव्यांग छात्र/छात्राओं को छात्रवृति योजना :
दिव्यांग छात्र आर्थिक विषमताओं के कारण शिक्षण/प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर पाते हैं और उनका जीवन यापन स्वावलम्बी नहीं बन पाता है. अतः इच्छुक छात्रों को इस योजना के अन्तर्गत छात्रवृति देकर शिक्षा के माध्यम से स्वावलम्बी बनाया जाता है. ताकि वे शिक्षा तथा व्ययावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करके समाज में सम्मानपूर्ण जीवन यापन कर सकें।
• दिव्यांग छात्र/छात्रों के लिए कक्षा 1 से स्नातकोत्तर शिक्षा तक निम्न दरों एंव मानकों के अनुसार छात्रवृति प्रदान की जाती है !
• दिव्यांग छात्र/छात्रा कम से कम 40 प्रतिशत दिव्यांगता प्रमाण-पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दिया गया हो।
• छात्र/छात्रा किसी शैक्षणिक संस्था में नियमित अध्ययनरत हो।
• छात्र/छात्रा के माता-पिता/अभिभावक की वार्षिक आय रु.24000/- तक हो।
• छात्र/छात्रा द्वारा छात्रवृति हेतु निर्धारित प्रार्थना-पत्र मय प्रमाण-पत्रों के अपनी शिक्षण संस्था में प्रस्तुत करना होगा।
• संबंधित संस्था छात्रवृति प्रार्थना-पत्र का परीक्षण कर दिनांक 31. जुलाई तक जिला समाज कल्याण अधिकारी, को प्रेषित करेंगे।
• जिला समाज कल्याण अधिकारी छात्र/छात्रा के आवेदन-पत्र का परीक्षण कर छात्रवृति हेतु पात्र पाये जाने पर छात्रवृति की धनराषि संस्था/छात्र/छात्रा के खातों में स्थान स्थानान्तरित करेगें।
• छात्रवृति की दरें निम्नानुसार है। (वर्ष 2005-06 से प्रभावी)
छात्रवृति के मानक
अवधि (अधिकतम)
कक्षा दर प्रतिमाह माता-पिता की आय सीमा
1-5 रू. 50/- अधिकतम रु. 2000/- प्रतिमाह 12 माह
6-8 रू 80/- अधिकतम रु. 2000/- प्रतिमाह 12 माह
9-10 रू170/- अधिकतम रु. 2000/- प्रतिमाह 12 माह
छात्रवृति के मानक अवधि (अधिकतम)
पाठ्यक्रम दर प्रतिमाह माता-पिता की वार्षिक आय सीमा
हास्टलर डेस्कालर
1.इण्टर रु.140/- रु 85/- अधिकतम रुपये 24000/-तक
वार्षिक आय।
प्रवेश की तिथि से पाठ्यक्रम
के अन्तिम वर्ष की परीक्षा के
माह तक पाठ्यक्रम के प्रथम
वर्ष में प्रवेश माह की 20
तारीख के बाद हुआ है तो
अगले माह से छात्रवृति अनुमन्य होगी )
2.स्नातक पाठ्यक्रम रु.180/- रु.125/-
3.स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम
तथा अन्य व्यावसायिक
पाठ्यक्रम रु.240/- रु.170/-
3 दिव्यांग भरण पोषण अनुदान
प्रदेश में दृष्टिबाधित, मूक बधिर तथा शारीरिक रूप से दिव्यांग निराश्रित ऐसे व्यक्तियों को जिनका जीवन यापन के लिए स्वयं का न तो कोई साधन है और न ही वे किसी प्रकार का ऐसा परिश्रम कर सकते हैं, जिससे उनका भरण पोषण हो सके, इस उद्देष्य से निराश्रित दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा के अर्न्तगत जीवन-यापन हेतु सरकार की कल्याणकारी योजना के अर्न्तगत निराश्रित दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान दिये जाने की योजना लागू की गयी जिसे सामान्यतया दिव्यांग पेंशन के नाम से भी जाना जाता है।
विभिन्न श्रेणी के निराश्रित दिव्यांग व्यक्तियों को निम्न मानकों एंव दरों के अनुसार भरण पोषण अनुदान दिया जाता है:-
i. अभ्यर्थी की दिव्यांगता कम से कम 40 प्रतिशत होने का प्रमाण-पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा
प्रदान किया गया हो ।
ii. अभ्यर्थी की आय का कोई साधन न हो अथवा बी०पी०एल० चयनित परिवार से संबंधित हो अथवा मासिक आमदनी रु०
1000/- तक हो ।
iii. अभ्यर्थी का पुत्र/पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु का है, किन्तु गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा हो, तो ऐसे
अभ्यर्थी भरण-पोषण अनुदान के पात्र होंगे।
iv. दिव्यांग भरण पोषण अनुदान रुपये 600/- प्रतिमाह।
v. कुष्ठ रोग से मुक्त दिव्यांग को रुपये 1000/- प्रतिमाह।
इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय दिव्यांगता पेंशन योजनार्न्तगत गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 18 वर्ष से 65 वर्ष तक आयु के 80% दिव्यांग अथवा बहु दिव्यांगता वाले अभ्यर्थी को कुल रु 700.00 जिसमें रु 400.00 राज्य सरकार तथा रुपये 300.00 भारत सरकार द्वारा अनुदान दिया जायेगा।
4 . दक्ष दिव्यांगजनों एवं उनके सेवायोजकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार :
दिव्यांग कर्मचारियों को अधिकाधिक रोजगार के अवसर सुलभ कराने के उद्देश्य से राज्यस्तरीय पुरस्कार की योजना चलाई जा रही है. सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के दिव्यांग कर्मचारियों एवं उनके सेवायोजकों को राज्यस्तरीय पुरस्कार के रूप में रू0 5000/- की धनराशि नकद प्रदान की जाती है।
5. दिव्यांगजनों हेतु शिविरों/सेमिनारों का आयोजन :
दिव्यांगजनों को उनकी सुविधानुसार उनके नजदीकी क्षेत्रों में वार्षिक सत्यापन एवं पेंशन स्वीकृत किये जाने हेतु शिविरों एवं सेमिनारों का आयोजन किये जाने की व्यवस्था की जाती है.
6. दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदानः-
सामान्य युवक, युवतियों द्वारा दिव्यांग युवक/युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन अनुदान योजना के अन्तर्गत दिव्यांग युवक अथवा युवती से शादी करने पर दम्पत्ति को क्रमशः रूपये 11,000/- एवं रूपये 14,000/- का प्रोत्साहन अनुदान दिया जाता है.
योजना के मानक व दरें :
• दम्पति भारत का नागरिक हो।
• दम्पति उत्तराखण्ड का स्थायी निवासी हो या कम से कम पॉच वर्ष से उसका अधिवासी हो ।
• दम्पति में से कोई सदस्य किसी आपराधिक मामले में दंडित न किया गया हो।
• शादी के समय युवक कम से कम 21 वर्ष तथा 45 से अधिक न हो तथा युवती कम से कम 18 वर्ष तथा 45 वर्ष से अधिक न हो।
• दम्पति का विवाह प्रचलित सामाजिक रीति-रिवाज से हुआ हो अथवा सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी विवाह किया गया हो ।
• दम्पति में से कोई सदस्य आयकरदाता की श्रेणी में न हो।
• जिसके पास पूर्व से कोई जीवित पत्नी न हो और उनके ऊपर महिला उत्पीड़न या अन्य आपराधिक मुकदमा न चल रहा हो।
• सामान्य युवक द्वारा दिव्यांग युवती से विवाह करने पर अनुदान की राशि रुपये 14000/- सामान्य युवती द्वारा दिव्यांग युवक से विवाह करने पर अनुदान की राशि रुपये 11000/- तथा दोनो दिव्यांग युवक व युवती द्वारा विवाह करने पर अनुदान की राशि रुपये 14000/- होगी ।
7. दिव्यांगजनों हेतु आश्रित कर्मशालायें :
शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राजकीय प्रशिक्षण केन्द्र एवं आश्रित कर्मशालायें टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़ एवं नैनीताल में संचालित हैं. इन कर्मशालाओं में दिव्यांग व्यक्तियों को मोमबत्ती, साबुन, हथकरघा, स्वेटर, शाल आदि बनाने/बुनाई का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. वित्तीय वर्ष 2008-09 से कम्पयूटर व्यवसाय संचालित किये जाने का प्रस्ताव किया गया है।
राज्य पोषित योजनाएं
क्रम संख्या योजनाओं के नामो का विवरण
1. निराश्रित दिव्यांगजन के भरण-पोषण हेतु अनुदान (दिव्यांग पेंशन) योजना
2. कुष्ठावस्था पेंशन योजना दिव्यांगजन / कुष्ठावस्था पेंशन योजना हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र
3. शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं श्रवण सहायक यंत्र इत्यादि खरीदने तथा मरम्मत कराने हेतु सहायक अनुदान योजना
4. शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना
दिव्यांगजन को शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र
5. दिव्यांगजन के पुनर्वासन हेतु दुकान निर्माण/दुकान संचालन योजना
6.निःशक्तता निवारण हेतु शल्य चिकित्सा अनुदान
7. दिव्यांगजन को राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने की योजना
8. दिव्यांगजन के सशक्तिकरण हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार
9. डिस्लेक्सिया व अटेन्शन डैफसिट एंड हाईपर एक्टिविटी सिंड्रोम से प्रभावित बच्चो की पहचान हेतु शिक्षकों को प्रशिक्षण।
10. मानसिक मंदित एवं मानसिक रूप से रूग्ण निराश्रित दिव्यांगजन के लिए आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केंद्र संचालित करने हेतु स्वैछिक संगठनो की सहायता।
11. स्वैछिक संगठनो /संस्थानों की सहायता।
12. बेल प्रेस का संचालन।
प्रोत्साहन योजना
निजी क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों को नियोजन प्रदान करने के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन प्रदान करने की योजना वर्ष 2008 – 09 में शुरु की गयी थी। इस स्कीम कें अंतर्गत, निजी क्षेत्र में नियोजित विकलांग व्यक्तियों को ऐसे पद पर नियोजन जिसमें 25,000 रुपए तक की उपलब्धियां प्राप्त होती है, प्रथम तीन वर्ष के लिए कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में कर्मचारी के अंशदान का भुगतान भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
केंद्र सरकार ने विकलांगों के लिए 10 नयी योजनाओं की घोषणा की
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत ने 24 नवंबर 2015 को नेशनल ट्रस्ट के तहत शारीरिक अक्षम व्यक्तियों के हित में 10 नयी योजनाओं की घोषणा की. इनमें आत्मकेंद्रित, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु विकलांग व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं हैं. ये योजनाएं नेशनल ट्रस्ट के तहत शुरू की गयी.
केंद्रीय मंत्री ने नेशनल ट्रस्ट के लिए नई वेबसाइट http://thenationaltrust.gov.in/content/ का भी शुभारम्भ किया.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत ने नेशनल ट्रस्ट के तहत शुरू की गयी योजनाएं निम्न हैं:
इसके अलावा, शारीरिक अक्षम व्यक्तियों के लिए विकलांगता श्रेणी की संख्या सात से बढा कर 19 तक करने की घोषणा की गयी. ताकि सरकार इन घोषनाओं को नई पहल के दायरे में ले सके.
नेशनल ट्रस्ट के लिए शुरू की गयी वेबसाइट http://thenationaltrust.gov.in/content/ शारीरिक अक्षम व्यक्तियों के लिए उनकी समस्याओं के प्रति मददगार होगी. वेबसाइट के माध्यम से गैर सरकारी संगठनों का पंजीकरण वेबसाइट पर ही किया जा सकता है और दान का भुगतान भी किया जा सकता है.
दिव्यांग जन अधिनियम 1995 के अनुसार दिव्यांगता के प्रकार निम्न रूप से 7 प्रकार है
1- पूर्ण दृष्टि अक्षमता
2- अल्प दृष्टि अक्षमता
3- कुष्ठ निवारण
4- श्रवण अक्षमता
5- गामक अक्षमता
6- मानसिक मंदता
7- मानसिक रुग्यता
एक्ट 2012 के अनुसार दो और जोड़े गए
8- थैलेसिया
9- स्लोलर्नर
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के अन्तर्गत निशक्तता के 21 प्रकार है
1. मानसिक मंदता [Mental Retardation] -
1.समझने / बोलने में कठिनाई
2.अभिव्यक्त करने में कठिनाई
2. ऑटिज्म [Autism Spectrum Disorders] -
1. किसी कार्य पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
2. आंखे मिलाकर बात न कर पाना
3. गुमसुम रहना
3. सेरेब्रल पाल्सी [Cerebral Palsy] पोलियो-
1. पैरों में जकड़न
2. चलने में कठिनाई
3. हाथ से काम करने में कठिनाई
4. मानसिक रोगी [Mental illness] -
1.अस्वाभाविक ब्यवहार, 2. खुद से बाते करना,
3. भ्रम जाल, 4. मतिभ्रम, 5. व्यसन (नसे का आदी),
6. किसी से डर / भय, 7. गुमसुम रहना
5. श्रवण बाधित [Hearing Impairment]-
1. बहरापन
2. ऊंचा सुनना या कम सुनना
6. मूक निशक्तता [Speech Impairment] -
1. बोलने में कठिनाई
2. सामान्य बोली से अलग बोलना जिसे अन्य लोग समझ नहीं पाते
7. दृष्टि बाधित [Blindness ] -
1. देखने में कठिनाई
2. पूर्ण दृष्टिहीन
8. अल्प दृष्टि [Low- Vision ] -
1. कम दिखना
2. 60 वर्ष से कम आयु की स्थिति में रंगों की पहचान नहीं कर पाना
9. चलन निशक्तता [Locomotor Disability ] -
1. हाथ या पैर अथवा दोनों की निशक्तता
2. लकवा
3. हाथ या पैर कट जाना
10. कुष्ठ रोग से मुक्त [Leprosy- Cured ] -
1. हाथ या पैर या अंगुली मैं विकृति
2. टेढापन
3. शरीर की त्वचा पर रंगहीन धब्बे
4. हाथ या पैर या अंगुलिया सुन्न हों जाना
11. बौनापन [Dwarfism ]-
1. व्यक्ति का कद व्यक्स होने पर भी 4 फुट 10इंच /147cm या इससे कम होना
12. तेजाब हमला पीड़ित [Acid Attack Victim ] -
1. शरीर के अंग हाथ / पैर / आंख आदि तेजाब हमले की वज़ह से असमान्य / प्रभावित होना
13. मांसपेशी दुर्विक़ार [Muscular Distrophy ] -
. मांसपेशियों में कमजोरी एवं विकृति
14.स्पेसिफिक लर्निग डिसेबिलिटी[Specific learning]-
. बोलने, श्रुत लेख, लेखन, साधारण जोड़, बाकी, गुणा, भाग में आकार, भार, दूरी आदि समझने मैं कठिनाई
15. बौद्धिक निशक्तता [ Intellectual Disabilities]- 1. सीखने, समस्या समाधान, तार्किकता आदि में कठिनाई
2. प्रतिदिन के कार्यों में सामाजिक कार्यों में एम अनुकूल व्यवहार में कठिनाई
16. मल्टीपल स्कलेरोसिस [Miltiple Sclerosis ] -
1. दिमाग एम रीढ़ की हड्डी के समन्वय में परेशानी
17. पार्किसंस रोग [Parkinsons Disease ]-
1. हाथ/ पाव/ मांसपेशियों में जकड़न
2. तंत्रिका तंत्र प्रणाली संबंधी कठिनाई
18. हिमोफिया/ अधी रक्तस्राव [Haemophilia ] -
1. चोट लगने पर अत्यधिक रक्त स्राव
2.रक्त बहेना बंद नहीं होना
19. थैलेसीमिया [Thalassemia ] -
1. खून में हीमोग्लबीन की विकृति
2. खून मात्रा कम होना
20. सिकल सैल डिजीज [Sickle Cell Disease ] -
1. खून की अत्यधिक कमी
2. खून की कमी से शरीर के अंग/ अवयव खराब होना
21. बहू निशक्तता [Multiple Disabilities ] -
1. दो या दो से अधिक निशक्तता से ग्रसित
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दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ संचालित कार्यक्रम :
1. शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं श्रवण सहायक यंत्र क्रय हेतु अनुदान योजना:
योजना के मानक व दरें :
• अभ्यर्थी को कृत्रिम अंग अथवा श्रवण सहायक यन्त्र लगाने की संस्तुति चिकित्साधिकारी द्वारा की गई हो।
• अभ्यर्थी(नाबालिग होने की स्थिति में माता-पिता की) की मासिक आय रुपये 1000.00 तक हो।
• अनुदान की राशि अधिकतम रुपये 3500.00 तक है।
2.दिव्यांग छात्र/छात्राओं को छात्रवृति योजना :
दिव्यांग छात्र आर्थिक विषमताओं के कारण शिक्षण/प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर पाते हैं और उनका जीवन यापन स्वावलम्बी नहीं बन पाता है. अतः इच्छुक छात्रों को इस योजना के अन्तर्गत छात्रवृति देकर शिक्षा के माध्यम से स्वावलम्बी बनाया जाता है. ताकि वे शिक्षा तथा व्ययावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करके समाज में सम्मानपूर्ण जीवन यापन कर सकें।
• दिव्यांग छात्र/छात्रों के लिए कक्षा 1 से स्नातकोत्तर शिक्षा तक निम्न दरों एंव मानकों के अनुसार छात्रवृति प्रदान की जाती है !
• दिव्यांग छात्र/छात्रा कम से कम 40 प्रतिशत दिव्यांगता प्रमाण-पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दिया गया हो।
• छात्र/छात्रा किसी शैक्षणिक संस्था में नियमित अध्ययनरत हो।
• छात्र/छात्रा के माता-पिता/अभिभावक की वार्षिक आय रु.24000/- तक हो।
• छात्र/छात्रा द्वारा छात्रवृति हेतु निर्धारित प्रार्थना-पत्र मय प्रमाण-पत्रों के अपनी शिक्षण संस्था में प्रस्तुत करना होगा।
• संबंधित संस्था छात्रवृति प्रार्थना-पत्र का परीक्षण कर दिनांक 31. जुलाई तक जिला समाज कल्याण अधिकारी, को प्रेषित करेंगे।
• जिला समाज कल्याण अधिकारी छात्र/छात्रा के आवेदन-पत्र का परीक्षण कर छात्रवृति हेतु पात्र पाये जाने पर छात्रवृति की धनराषि संस्था/छात्र/छात्रा के खातों में स्थान स्थानान्तरित करेगें।
• छात्रवृति की दरें निम्नानुसार है। (वर्ष 2005-06 से प्रभावी)
छात्रवृति के मानक
अवधि (अधिकतम)
कक्षा दर प्रतिमाह माता-पिता की आय सीमा
1-5 रू. 50/- अधिकतम रु. 2000/- प्रतिमाह 12 माह
6-8 रू 80/- अधिकतम रु. 2000/- प्रतिमाह 12 माह
9-10 रू170/- अधिकतम रु. 2000/- प्रतिमाह 12 माह
छात्रवृति के मानक अवधि (अधिकतम)
पाठ्यक्रम दर प्रतिमाह माता-पिता की वार्षिक आय सीमा
हास्टलर डेस्कालर
1.इण्टर रु.140/- रु 85/- अधिकतम रुपये 24000/-तक
वार्षिक आय।
प्रवेश की तिथि से पाठ्यक्रम
के अन्तिम वर्ष की परीक्षा के
माह तक पाठ्यक्रम के प्रथम
वर्ष में प्रवेश माह की 20
तारीख के बाद हुआ है तो
अगले माह से छात्रवृति अनुमन्य होगी )
2.स्नातक पाठ्यक्रम रु.180/- रु.125/-
3.स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम
तथा अन्य व्यावसायिक
पाठ्यक्रम रु.240/- रु.170/-
3 दिव्यांग भरण पोषण अनुदान
प्रदेश में दृष्टिबाधित, मूक बधिर तथा शारीरिक रूप से दिव्यांग निराश्रित ऐसे व्यक्तियों को जिनका जीवन यापन के लिए स्वयं का न तो कोई साधन है और न ही वे किसी प्रकार का ऐसा परिश्रम कर सकते हैं, जिससे उनका भरण पोषण हो सके, इस उद्देष्य से निराश्रित दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा के अर्न्तगत जीवन-यापन हेतु सरकार की कल्याणकारी योजना के अर्न्तगत निराश्रित दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान दिये जाने की योजना लागू की गयी जिसे सामान्यतया दिव्यांग पेंशन के नाम से भी जाना जाता है।
विभिन्न श्रेणी के निराश्रित दिव्यांग व्यक्तियों को निम्न मानकों एंव दरों के अनुसार भरण पोषण अनुदान दिया जाता है:-
i. अभ्यर्थी की दिव्यांगता कम से कम 40 प्रतिशत होने का प्रमाण-पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा
प्रदान किया गया हो ।
ii. अभ्यर्थी की आय का कोई साधन न हो अथवा बी०पी०एल० चयनित परिवार से संबंधित हो अथवा मासिक आमदनी रु०
1000/- तक हो ।
iii. अभ्यर्थी का पुत्र/पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु का है, किन्तु गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा हो, तो ऐसे
अभ्यर्थी भरण-पोषण अनुदान के पात्र होंगे।
iv. दिव्यांग भरण पोषण अनुदान रुपये 600/- प्रतिमाह।
v. कुष्ठ रोग से मुक्त दिव्यांग को रुपये 1000/- प्रतिमाह।
इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय दिव्यांगता पेंशन योजनार्न्तगत गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 18 वर्ष से 65 वर्ष तक आयु के 80% दिव्यांग अथवा बहु दिव्यांगता वाले अभ्यर्थी को कुल रु 700.00 जिसमें रु 400.00 राज्य सरकार तथा रुपये 300.00 भारत सरकार द्वारा अनुदान दिया जायेगा।
4 . दक्ष दिव्यांगजनों एवं उनके सेवायोजकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार :
दिव्यांग कर्मचारियों को अधिकाधिक रोजगार के अवसर सुलभ कराने के उद्देश्य से राज्यस्तरीय पुरस्कार की योजना चलाई जा रही है. सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के दिव्यांग कर्मचारियों एवं उनके सेवायोजकों को राज्यस्तरीय पुरस्कार के रूप में रू0 5000/- की धनराशि नकद प्रदान की जाती है।
5. दिव्यांगजनों हेतु शिविरों/सेमिनारों का आयोजन :
दिव्यांगजनों को उनकी सुविधानुसार उनके नजदीकी क्षेत्रों में वार्षिक सत्यापन एवं पेंशन स्वीकृत किये जाने हेतु शिविरों एवं सेमिनारों का आयोजन किये जाने की व्यवस्था की जाती है.
6. दिव्यांग युवक/युवती विवाह प्रोत्साहन अनुदानः-
सामान्य युवक, युवतियों द्वारा दिव्यांग युवक/युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन अनुदान योजना के अन्तर्गत दिव्यांग युवक अथवा युवती से शादी करने पर दम्पत्ति को क्रमशः रूपये 11,000/- एवं रूपये 14,000/- का प्रोत्साहन अनुदान दिया जाता है.
योजना के मानक व दरें :
• दम्पति भारत का नागरिक हो।
• दम्पति उत्तराखण्ड का स्थायी निवासी हो या कम से कम पॉच वर्ष से उसका अधिवासी हो ।
• दम्पति में से कोई सदस्य किसी आपराधिक मामले में दंडित न किया गया हो।
• शादी के समय युवक कम से कम 21 वर्ष तथा 45 से अधिक न हो तथा युवती कम से कम 18 वर्ष तथा 45 वर्ष से अधिक न हो।
• दम्पति का विवाह प्रचलित सामाजिक रीति-रिवाज से हुआ हो अथवा सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी विवाह किया गया हो ।
• दम्पति में से कोई सदस्य आयकरदाता की श्रेणी में न हो।
• जिसके पास पूर्व से कोई जीवित पत्नी न हो और उनके ऊपर महिला उत्पीड़न या अन्य आपराधिक मुकदमा न चल रहा हो।
• सामान्य युवक द्वारा दिव्यांग युवती से विवाह करने पर अनुदान की राशि रुपये 14000/- सामान्य युवती द्वारा दिव्यांग युवक से विवाह करने पर अनुदान की राशि रुपये 11000/- तथा दोनो दिव्यांग युवक व युवती द्वारा विवाह करने पर अनुदान की राशि रुपये 14000/- होगी ।
7. दिव्यांगजनों हेतु आश्रित कर्मशालायें :
शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राजकीय प्रशिक्षण केन्द्र एवं आश्रित कर्मशालायें टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़ एवं नैनीताल में संचालित हैं. इन कर्मशालाओं में दिव्यांग व्यक्तियों को मोमबत्ती, साबुन, हथकरघा, स्वेटर, शाल आदि बनाने/बुनाई का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. वित्तीय वर्ष 2008-09 से कम्पयूटर व्यवसाय संचालित किये जाने का प्रस्ताव किया गया है।
राज्य पोषित योजनाएं
क्रम संख्या योजनाओं के नामो का विवरण
1. निराश्रित दिव्यांगजन के भरण-पोषण हेतु अनुदान (दिव्यांग पेंशन) योजना
2. कुष्ठावस्था पेंशन योजना दिव्यांगजन / कुष्ठावस्था पेंशन योजना हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र
3. शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को कृत्रिम अंग एवं श्रवण सहायक यंत्र इत्यादि खरीदने तथा मरम्मत कराने हेतु सहायक अनुदान योजना
4. शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना
दिव्यांगजन को शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र
5. दिव्यांगजन के पुनर्वासन हेतु दुकान निर्माण/दुकान संचालन योजना
6.निःशक्तता निवारण हेतु शल्य चिकित्सा अनुदान
7. दिव्यांगजन को राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने की योजना
8. दिव्यांगजन के सशक्तिकरण हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार
9. डिस्लेक्सिया व अटेन्शन डैफसिट एंड हाईपर एक्टिविटी सिंड्रोम से प्रभावित बच्चो की पहचान हेतु शिक्षकों को प्रशिक्षण।
10. मानसिक मंदित एवं मानसिक रूप से रूग्ण निराश्रित दिव्यांगजन के लिए आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केंद्र संचालित करने हेतु स्वैछिक संगठनो की सहायता।
11. स्वैछिक संगठनो /संस्थानों की सहायता।
12. बेल प्रेस का संचालन।
प्रोत्साहन योजना
निजी क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों को नियोजन प्रदान करने के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन प्रदान करने की योजना वर्ष 2008 – 09 में शुरु की गयी थी। इस स्कीम कें अंतर्गत, निजी क्षेत्र में नियोजित विकलांग व्यक्तियों को ऐसे पद पर नियोजन जिसमें 25,000 रुपए तक की उपलब्धियां प्राप्त होती है, प्रथम तीन वर्ष के लिए कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में कर्मचारी के अंशदान का भुगतान भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
केंद्र सरकार ने विकलांगों के लिए 10 नयी योजनाओं की घोषणा की
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत ने 24 नवंबर 2015 को नेशनल ट्रस्ट के तहत शारीरिक अक्षम व्यक्तियों के हित में 10 नयी योजनाओं की घोषणा की. इनमें आत्मकेंद्रित, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु विकलांग व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं हैं. ये योजनाएं नेशनल ट्रस्ट के तहत शुरू की गयी.
केंद्रीय मंत्री ने नेशनल ट्रस्ट के लिए नई वेबसाइट http://thenationaltrust.gov.in/content/ का भी शुभारम्भ किया.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत ने नेशनल ट्रस्ट के तहत शुरू की गयी योजनाएं निम्न हैं:
- दिशा (प्रारंभिक हस्तक्षेप और स्कूल चलो अभियान)
- विकास : डे केयर
- समर्थ: राहत की देखभाल
- घरौंदा: वयस्कों के लिए सामूहिक घर
- निर्माया: (स्वास्थ्य बीमा योजना
- सहयोगी: देखभाल के लिए प्रशिक्षण योजना
- ज्ञान प्रभा: शैक्षिक समर्थन
- प्रेरणा: विपणन सहायता
- समभाव: एड्स और सहायता उपकरण और
- बढ़ते कदम: जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता
इसके अलावा, शारीरिक अक्षम व्यक्तियों के लिए विकलांगता श्रेणी की संख्या सात से बढा कर 19 तक करने की घोषणा की गयी. ताकि सरकार इन घोषनाओं को नई पहल के दायरे में ले सके.
नेशनल ट्रस्ट के लिए शुरू की गयी वेबसाइट http://thenationaltrust.gov.in/content/ शारीरिक अक्षम व्यक्तियों के लिए उनकी समस्याओं के प्रति मददगार होगी. वेबसाइट के माध्यम से गैर सरकारी संगठनों का पंजीकरण वेबसाइट पर ही किया जा सकता है और दान का भुगतान भी किया जा सकता है.
दिव्यांग जन अधिनियम 1995 के अनुसार दिव्यांगता के प्रकार निम्न रूप से 7 प्रकार है
1- पूर्ण दृष्टि अक्षमता
2- अल्प दृष्टि अक्षमता
3- कुष्ठ निवारण
4- श्रवण अक्षमता
5- गामक अक्षमता
6- मानसिक मंदता
7- मानसिक रुग्यता
एक्ट 2012 के अनुसार दो और जोड़े गए
8- थैलेसिया
9- स्लोलर्नर
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के अन्तर्गत निशक्तता के 21 प्रकार है
1. मानसिक मंदता [Mental Retardation] -
1.समझने / बोलने में कठिनाई
2.अभिव्यक्त करने में कठिनाई
2. ऑटिज्म [Autism Spectrum Disorders] -
1. किसी कार्य पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
2. आंखे मिलाकर बात न कर पाना
3. गुमसुम रहना
3. सेरेब्रल पाल्सी [Cerebral Palsy] पोलियो-
1. पैरों में जकड़न
2. चलने में कठिनाई
3. हाथ से काम करने में कठिनाई
4. मानसिक रोगी [Mental illness] -
1.अस्वाभाविक ब्यवहार, 2. खुद से बाते करना,
3. भ्रम जाल, 4. मतिभ्रम, 5. व्यसन (नसे का आदी),
6. किसी से डर / भय, 7. गुमसुम रहना
5. श्रवण बाधित [Hearing Impairment]-
1. बहरापन
2. ऊंचा सुनना या कम सुनना
6. मूक निशक्तता [Speech Impairment] -
1. बोलने में कठिनाई
2. सामान्य बोली से अलग बोलना जिसे अन्य लोग समझ नहीं पाते
7. दृष्टि बाधित [Blindness ] -
1. देखने में कठिनाई
2. पूर्ण दृष्टिहीन
8. अल्प दृष्टि [Low- Vision ] -
1. कम दिखना
2. 60 वर्ष से कम आयु की स्थिति में रंगों की पहचान नहीं कर पाना
9. चलन निशक्तता [Locomotor Disability ] -
1. हाथ या पैर अथवा दोनों की निशक्तता
2. लकवा
3. हाथ या पैर कट जाना
10. कुष्ठ रोग से मुक्त [Leprosy- Cured ] -
1. हाथ या पैर या अंगुली मैं विकृति
2. टेढापन
3. शरीर की त्वचा पर रंगहीन धब्बे
4. हाथ या पैर या अंगुलिया सुन्न हों जाना
11. बौनापन [Dwarfism ]-
1. व्यक्ति का कद व्यक्स होने पर भी 4 फुट 10इंच /147cm या इससे कम होना
12. तेजाब हमला पीड़ित [Acid Attack Victim ] -
1. शरीर के अंग हाथ / पैर / आंख आदि तेजाब हमले की वज़ह से असमान्य / प्रभावित होना
13. मांसपेशी दुर्विक़ार [Muscular Distrophy ] -
. मांसपेशियों में कमजोरी एवं विकृति
14.स्पेसिफिक लर्निग डिसेबिलिटी[Specific learning]-
. बोलने, श्रुत लेख, लेखन, साधारण जोड़, बाकी, गुणा, भाग में आकार, भार, दूरी आदि समझने मैं कठिनाई
15. बौद्धिक निशक्तता [ Intellectual Disabilities]- 1. सीखने, समस्या समाधान, तार्किकता आदि में कठिनाई
2. प्रतिदिन के कार्यों में सामाजिक कार्यों में एम अनुकूल व्यवहार में कठिनाई
16. मल्टीपल स्कलेरोसिस [Miltiple Sclerosis ] -
1. दिमाग एम रीढ़ की हड्डी के समन्वय में परेशानी
17. पार्किसंस रोग [Parkinsons Disease ]-
1. हाथ/ पाव/ मांसपेशियों में जकड़न
2. तंत्रिका तंत्र प्रणाली संबंधी कठिनाई
18. हिमोफिया/ अधी रक्तस्राव [Haemophilia ] -
1. चोट लगने पर अत्यधिक रक्त स्राव
2.रक्त बहेना बंद नहीं होना
19. थैलेसीमिया [Thalassemia ] -
1. खून में हीमोग्लबीन की विकृति
2. खून मात्रा कम होना
20. सिकल सैल डिजीज [Sickle Cell Disease ] -
1. खून की अत्यधिक कमी
2. खून की कमी से शरीर के अंग/ अवयव खराब होना
21. बहू निशक्तता [Multiple Disabilities ] -
1. दो या दो से अधिक निशक्तता से ग्रसित
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