Thursday, August 15, 2019

Case Study (व्यक्तिगत अध्ययन)

Case Study (व्यक्तिगत अध्ययन)


केस स्टडी के सोपान

किसी भी केस के संबंध में अध्ययन प्रारम्भ करने से पूर्व उस केस के सब पहलुओं की सूची बना लेनी चाहिए अर्थात् मुख्य -मुख्य क्षेत्र निर्धारित कर लेने चाहिए। फिर प्रत्येक क्षेत्र या पहलू से संबंधित समग्र जानकारी प्राप्त करने हेतु केस की विशेषता को ध्यान में रखकर पद्धतियों और उपकरणों का चयन करना चाहिए।

केस स्टडी के उद्देश्य

 1. विद्यार्थी स्वतंत्र होकर, स्वयं ही सृजनात्मक ढंग से समस्या पर विचार कर सकेंगें।
 2. वे समस्या समाधान (Problem based learning) पहुंचने में सक्रिय हो  सकेंगें।
 3. वे अपने पूर्व ज्ञान का प्रयोग करते हुए प्रमाणों को संग्रह कर सकेंगें।
 4. घटनाक्रम में नवीन तथ्यों को जान सकेंगे।
 5. स्वयं अपने अनुभव से सीखते हुए ज्ञान प्राप्त कर सकेंगें।
 6. व्यक्तिगत, सामाजिक संबंधों को उत्तम ढंग से स्थापित कर सकेंगे।
 7. छात्रों में अभिप्रेरण एवं अभिव्यक्ति की क्षमता में वृद्धि हो सकेगी।
 8. छात्रों की उपलब्धियों का मूल्यांकन हो सकेगा।



केस स्टडी की विशेषताएं- 

1. शिक्षण-अधिगम की समस्याओं का समाधान व्यक्तिगत रूप में किया जाता है।

2. व्यक्तिगत अध्ययन में लिखित कार्य को विशेष महत्व दिया जाता है। शिक्षक छात्र को सीखने के लिए परिस्थिति (विषयवस्तु) प्रदान करता है, जिसमें छात्र अभ्यास तथा अनुक्रिया करता है। सीखने के साथ-साथ मूल्यांकन भी किया जाता है। छात्र अपने कार्यों का स्वयं मूल्यांकन भी करता है।

3. व्यक्तिगत अध्ययन में प्रत्येक छात्र को अपने ढंग से सीखने का अवसर दिया जाता है। इस विशेषता को स्वयं गति का सिद्धान्त भी कहते है।

4. इसमें छात्र बहुआयामी माध्यमों से सीखता है। कुछ छात्र सुनकर, कुछ देखकर तथा कुछ करके अधिक सीखते है। कुछ छात्र पढ़कर तथा कुछ लिखकर अधिक सीखते है।

5. व्यक्तिगत अध्ययन में शिक्षक अधिक उत्तरदायी होता है क्योंकि उसे प्रत्येक छात्र को व्यक्तिगत रूप से सिखाना होता है।

6. इसके अंतर्गत प्रत्येक छात्र को उसकी कठिनाईयों को दूर करने का अवसर दिया जाता है। सीखते समय पुनर्बलन तथा निरन्तर अभिप्रेरणा दी जाती है।


केस स्टडी की उपयोगिता-

1. इससे छात्रों में अधिगम अधिक प्रभावशाली होता है। जिससे छात्रों में योग्यता तथा अध्ययन संबंधी अच्छी आदतों का विकास होता है।
2. इससे छात्रों में धारण शक्ति का विकास होता है क्योंकि जो तथ्य निकाले जाते है उन्हें छात्र स्वयं निकालता है।
3. इससे छात्रों के उपलब्धि स्तर में वृद्धि होती है जो अध्ययन के प्रति धनात्मक अभिवृत्ति का विकास करती है।

4. इससे छात्रों में अपेक्षित अभिवृत्तियों का विकास होता है।

5. विभिन्न मानसिक स्तर के छात्रों को उनके ढंग से सीखने का अवसर मिलता है।

6. बहुस्तरीय शिक्षण में भी सहायता मिलती है।


व्यक्तिगत अध्ययन छात्रों को एक सार्थक ज्ञान प्रदान करता है जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के समाधान या अध्ययन के लिए किया जाता है। यह एक जटिल अधिगम का स्वरूप होता है। इसमें  सृजनात्मक चिन्तन निहित होता है और चिन्तन स्तर पर शिक्षण की व्यवस्था होती है।

 
         Case Study (व्यक्तिगत अध्ययन)

नाम      -  पार्वती गोस्वामी D/o दीवान गिरी
लिंग।    -   पुत्री,      जन्म तिथि - 25/03/1983
स्थिति   - MR/CP Daun Sandrom / paraplegia.
रोग       -   Maltipal disabilities
दृष्टि      -    Functionally Normal
श्रवण   -   Maniwal Hearing
श्रवण वाणी  - Uses on word Choog only
मानसिक स्थिति  - माइल्ड
पता      -  ग्राम - रॉल्याना  पोस्ट - मैगडी स्टेट
               जिला - बागेश्वर, उत्तराखंड 263635
एडिस  -   टॉयलेट की सही ब्यवस्था
व्यवहार -  शांत एम तीव्र  ऊतेजित
घर का वातावरण - साधारण
प्रसनल इंफॉर्मेशन - उम्र 33 वर्ष, काम सब कर लेती हैं। पाव टेरे व चपटे है। घिसकर चलती है, बोलने में भारी आवाज है, कान कम सुनती है। सारे कार्य स्वयं कर लेती हैं।
पता - उपरोक्त
विकास - जन्म से ही विकलांग है, जन्म के समय देर से रोई गामक विकास और शारीरिक विकास अक्षमता। गर्दन 8-9 माह और बैठना -12 माह, खड़ा होना 2साल, पूरा वाक्य बोलना 4-5साल

शिक्षा - आर्थिक स्थिति के कारण स्कूल नहीं गई
सिटिंग ग्रिड - घर पर सीढ़ियों में रेयलिंग व दरवाजे चोडे होने चाहिए

Aim of study - IQ leaval 50-70 सहायक उपकरणों की व्यवस्था करना भौतिक चिकत्सा व्यायाम चलने फिरने में कोई दिक्कत न हो इसलिए रैंप आदि की व्यवस्था। सामाजिक जारूकता, रोजगार के अवसर दिए जाने चाहिए। रूचि के अनुसार प्रशिक्षण देना तथा बाधामुक्त वातावण की व्यवस्था करना चाहिए। समाज में रहने खाने पीने के लिए जागरूक करना व सरकार द्वारा विकलांग पेंसिल व कार्ड बनवाना आदि।

Basic Goal - सहायक उपकरणों की व्यवस्था करना और उसके सभी कमजोरियों को दूर कर व्यावसायिक शिक्षा दिलाना।




Bariess - ऐसे बच्चों के लिए मैदान का साफ सुतरा होना आवश्यक होता है ताकि उसे चलने फिरने में कोई दिक्कत न हो।



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